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    आनलाइन जुए और सट्टेबाजी पर रोक लगाने की याचिका, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार

    Updated: Fri, 17 Oct 2025 11:19 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट में ऑनलाइन जुए और सट्टेबाजी पर रोक लगाने की याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने इसे महत्वपूर्ण मुद्दा मानते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। याचिका में कहा गया है कि ऑनलाइन गेमिंग के माध्यम से 1.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हो रहा है और 15 करोड़ बच्चों के सट्टेबाजी में फंसने का खतरा है। याचिका में आईटी एक्ट की धारा 69ए के तहत कार्रवाई की मांग की गई है।

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    सुप्रीम कोर्ट में ऑनलाइन जुए पर सुनवाई

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सोशल और ई-स्पो‌र्ट्सगेम्स की आड़ में चल रहे आनलाइनजुए और सट्टेबाजी पर रोक लगाने के लिए केंद्र को निर्देश देने से संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने इसे महत्वपूर्ण मुद्दा बताया है। याचिका में छह सरकारी विभागों के अलावा एपल और गूगल को भी पक्षकार बनाया गया है।

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    सुप्रीम कोर्ट में ऑनलाइन जुए पर सुनवाई

    न्यायमूर्ति जेबीपार्डीवाला और केवीविश्वनाथन की पीठ ने केंद्र को नोटिस जारी करते हुए कहा कि ये महत्वपूर्ण मुद्दा है। याचिकाकर्ता सेंटर फारएकाउंटेबिलिटी एंड सिस्टेमिकचेंज (सीएएससी) और शौर्य तिवारी की तरफ से दलील देते हुए वकील विराग गुप्ता ने कहा कि मौजूदा कानून (आनलाइनगेमिंग कानून, 2025) में इस विषय पर कुछ नहीं कहे जाने से देश के 15 करोड़ बच्चों के आनलाइन सट्टेबाजी के जाल में फंसने का जोखिम है।

    उन्होंने कहा कि संविधान की सातवीं अनुसूची में जुए और सट्टेबाजी को राज्य सूची में डाला गया है। हालांकि, केंद्र सरकार गेटकीपर है। उनके पास ब्लॉकिंगआर्डर जारी करने का अधिकार है, जिसके तहत 1528 गेमिंगऐपब्लाक किए गए हैं। याचिका में इलेक्ट्रानिक्स और आइटी, सूचना एवं प्रसारण, वित्त तथा युवा मामले और खेल मंत्रालयों और राज्य सरकारों को जरूरी निर्देश देने की मांग की गई है।

    15 करोड़ बच्चों के फंसने का खतरा

    याचिका में कहा गया है कि 65 करोड़ से अधिक लोग देश में आनलाइनगेम्स खेलते हैं, जिससे भारत में इन प्लेटफार्मों के जरिये 1.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वार्षिक कारोबार हो रहा है। आइटीएक्ट की धारा 69ए के तहत गैरकानूनी जुए और सट्टेबाजी प्लेटफार्मों को ब्लाक करने का आदेश जारी करने की मांग की गई है।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)