पांच राज्यों को क्षमा नीतियां बनाने का SC ने दिया अंतिम मौका, हाईकोर्ट से निगरानी करने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, बंगाल, हिमाचल प्रदेश, मेघालय और असम को दोषियों की समयपूर्व रिहाई पर अपनी नीतियों को पूरी तरह लागू करने का अंतिम अवसर दिया है। जस्टिस सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि पांचों राज्यों ने अभी तक मसौदा नीति और नियमों को अपनाया नहीं है।

SC ने पांच राज्यों को दिया अंतिम मौका
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, बंगाल, हिमाचल प्रदेश, मेघालय और असम को दोषियों की समयपूर्व रिहाई पर अपनी नीतियों को पूरी तरह से लागू करने के लिए अंतिम अवसर दिया है।
जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने 'इन रे: पालिसी स्ट्रैटजी फार ग्रांट आफ बेल' शीर्षक से स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई करते हुए चूक करने वाले राज्यों को अपने पहले के निर्देशों का पूर्ण और संपूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए दो महीने का समय दिया है।
क्षमा नीतियों को लागू करने का निर्देश
एमिकस क्यूरी लिज मैथ्यू की दलीलों पर गौर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पांचों राज्यों ने पहले के निर्देशों को प्रभावी बनाने के लिए पर्याप्त संशोधनों सहित, अभी तक मसौदा (छूट) नीति और नियमों को अपनाया और लागू नहीं किया है।
हाईकोर्ट करेगा निगरानी
जस्टिस सुंदरेश की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य सरकारों की ओर से अतिरिक्त समय के अनुरोध को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि अंतिम अवसर के रूप में हम असम, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, उत्तर प्रदेश और बंगाल को इस आदेश की तिथि से पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए दो महीने का समय प्रदान करते हैं।
(न्यूज एजेंसी आइएएनएस के इनपुट के साथ)

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