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    Supreme Court: नीतीश कटारा हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने सुखदेव को दिया तीन माह का फरलो, कही ये बात

    Updated: Thu, 26 Jun 2025 12:11 AM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के नीतीश कटारा हत्या मामले में सुखदेव यादव उर्फ पहलवान को बुधवार को तीन महीने का फरलो दिया। न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन ने कहा कि यादव ने बिना किसी छूट के 20 साल तक लगातार जेल की सजा काटी है।

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    नीतीश कटारा हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने सुखदेव को दिया तीन माह का फरलो (फाइल फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के नीतीश कटारा हत्या मामले में सुखदेव यादव उर्फ पहलवान को बुधवार को तीन महीने का फरलो दिया।

    जज ने कही ये बात

    न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन ने कहा कि यादव ने बिना किसी छूट के 20 साल तक लगातार जेल की सजा काटी है। निर्देश दिया कि यादव को सात दिन के भीतर निचली अदालत में पेश किया जाए और उसे फरलो दिए जाने से पहले निचली अदालत उस पर उचित शर्तें लगाए।

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    फरलो का मतलब जेल से अस्थायी रिहाई है, न कि पूरी सजा का निलंबन या छूट। यह आमतौर पर जेल में लंबे समय से बंद कैदियों को दी जाती है, जिन्होंने अपनी सजा का एक हिस्सा पूरा कर लिया हो।

    कटारा के अपहरण और हत्या के सनसनीखेज मामले में सुनाई सजा

    यादव की याचिका में दिल्ली हाई कोर्ट के नवंबर 2024 के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें तीन सप्ताह के लिए फरलो पर रिहा करने की उसकी याचिका खारिज कर दी गई थी।

    सुप्रीम कोर्ट ने तीन अक्टूबर 2016 को कटारा के अपहरण और हत्या के सनसनीखेज मामले में विकास यादव और उसके चचेरे भाई विशाल यादव को उनकी भूमिका के लिए बिना किसी छूट के 25 साल की जेल की सुनाई थी।

    सुखदेव यादव को 20 साल की सजा सुनाई गई थी

    इस मामले में सह-आरोपित सुखदेव यादव को 20 साल की सजा सुनाई गई थी। उसे 16 और 17 फरवरी 2002 की रात को एक शादी समारोह से कटारा के अपहरण और फिर उसकी हत्या करने का दोषी ठहराया गया।

    प्रेम संबंधों को लेकर की गई हत्या

    उन्होंने विकास की बहन भारती यादव के कटारा से प्रेम संबंधों के कारण इस हत्याकांड को अंजाम दिया था। निचली अदालत ने कहा था कि विशाल और विकास यादव को भारती के साथ कटारा का रिश्ता मंजूर नहीं था क्योंकि वे अलग-अलग जातियों से थे। इसलिए उन्होंने कटारा की हत्या कर दी थी।