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    सुप्रीम कोर्ट ने ढांचा विध्वंस केस में तय की डेडलाइन, कहा- 31 अगस्त तक पूरी करें सुनवाई

    By Krishna Bihari SinghEdited By:
    Updated: Fri, 08 May 2020 08:21 PM (IST)

    Supreme Court ने निचली अदालत में जारी अयोध्‍या ढांचा विध्वंस मामले के निपटारे के लिए न्यायाधीश एसके यादव के कार्यकाल को 31 अगस्त तक बढ़ा दिया है। ...और पढ़ें

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    सुप्रीम कोर्ट ने ढांचा विध्वंस केस में तय की डेडलाइन, कहा- 31 अगस्त तक पूरी करें सुनवाई

    नई दिल्‍ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने निचली अदालत में जारी अयोध्‍या ढांचा विध्वंस मामले के निपटारे के लिए ट्रायल कोर्ट के न्यायाधीश एसके यादव के कार्यकाल को 31 अगस्त तक बढ़ा दिया है। जस्टिस आरएफ नरीमन (RF Nariman) एवं जस्टिस सूर्यकांत (Surya Kant) की पीठ ने शुक्रवार को जारी अपने आदेश में लखनऊ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत को ढांचा विध्वंस मामले में आपराधिक मुकदमे का निपटारा इस साल 31 अगस्त तक करने का निर्देश दिया। पूर्व में भी शीर्ष अदालत विशेष न्‍यायाधीश एसके यादव के कार्यकाल को बढ़ाने का निर्देश दे चुकी है। 

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    शीर्ष अदालत ने कहा कि लखनऊ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत अगस्त अंत तक मुकदमे की सुनवाई को पूरा करे और अपना फैसला सुनाए। शीर्ष अदालत ने कहा कि सीबीआई अदालत को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करनी चाहिए। मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, कल्याण सिंह और साध्वी ऋतंबरा आदि आरोपी हैं। तीन अन्य आरोपियों गिरिराज किशोर (Giriraj Kishore), विश्‍व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल (Ashok Singhal) और विष्णु हरि डालमिया (Vishnu Hari Dalmia) की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है। 

    सुप्रीम कोर्ट ने नेताओं के खिलाफ भी एक साथ लखनऊ में मुकदमा चलाने की इजाजत देते हुए 19 अप्रैल 2017 को विशेष जज को दो वर्ष में सुनवाई पूरी कर फैसला देने का आदेश दिया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 19 जुलाई 2019 को फिर समय सीमा बढ़ाई थी। उस आदेश में कोर्ट ने सेवानिवृत होने जा रहे सुनवाई कर रहे विशेष जज का कार्यकाल बढ़ाते हुए उन्हें आदेश दिया था कि वह छह महीने के भीतर दोनों पक्षों की गवाहियां और साक्ष्य दर्ज करने का काम पूरा कर लें और नौ महीने में फैसला सुना दे। यह समय सीमा अप्रैल में समाप्त हो गई।

    गत छह मई को विशेष जज ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिख कर बताया कि अभी सुनवाई पूरी नहीं हुई है यहां तक कि साक्ष्य दर्ज होने का काम भी पूरा नहीं हुआ है। कोर्ट ने इस पत्र पर संज्ञान लेते हुए कहा कि फैसला सुनाने की अवधि 31 अगस्त तक बढ़ा रहे हैं। साक्ष्य दर्ज करने के लिए वीडियो कन्फ्रेंसिंग की सुविधा भी है और उसका प्रयोग होना चाहिए। विशेष जज को तय करना है कि सुनवाई कैसे की जाए कि दिए जा रहे समय में पूरी हो जाए और समयसीमा का उल्लंघन न हो। 20 अप्रैल को ही विशेष जज एसके यादव की नौ महीने की तय सीमा पूरी हो गई थी।