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    आरक्षण लाभ में आय के आधार पर प्राथमिकता दिए जाने की मांग पर केंद्र को नोटिस, SC ने मांगा जवाब; कहा- मामला संवेदनशील है

    Updated: Mon, 11 Aug 2025 10:00 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण के लाभ में आय के आधार पर प्राथमिकता की मांग वाली याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ता रमाशंकर प्रजापति ने आरक्षण लाभ देने में आय के आधार पर प्राथमिकता देने की बात कही है जिससे पात्र समुदायों के गरीब लोगों को प्राथमिकता मिले। याचिका में नीति में सुधार की बात कही गई है।

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    आरक्षण लाभ में आय के आधार पर प्राथमिकता पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को भेजा नोटिस (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आरक्षण के लाभ में आय के आधार पर प्राथमिकता दिए जाने की मांग वाली याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

    रमाशंकर प्रजापति की ओर से दाखिल जनहित याचिका में कहा गया है कि आरक्षण लाभ देने में आय के आधार पर प्राथमिकता दी जानी चाहिए ताकि पात्र समुदायों के सबसे गरीब लोगों को पहली प्राथमिकता मिले।

    याचिका में इस संबंध में नीति में पुनर्गठन और सुधार किये जाने की बात कही गई है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जोयमाल्या बाग्ची की पीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रतिवादी बनाई गई केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।

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    'संवेदनशील है मामला'

    सुनवाई के दौरान पीठ ने मौखिक टिप्पणी में कहा कि यह मामला संवेदनशील है और इस पर सावधानीपूर्वक विचार करने की जरूरत है। तभी याचिकाकर्ता की ओर से बहस कर रही वकील ने पीठ को स्पष्ट किया कि इस याचिका में जो पुनर्गठन का प्रस्ताव है उसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए तय आरक्षण के वर्तमान प्रतिशत में कोई कमी शामिल नहीं है।

    यानी अभी इन समुदायों को जितने प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है उसमें किसी तरह की कमी की बात याचिका में नहीं कही गई है। याचिका में सिर्फ नियमों के मुताबिक तय आरक्षण का लाभ दिये जाने में आय के आधार पर प्राथमिकता दिये जाने की मांग की गई है ताकि उस समुदाय के अत्यंत गरीब लोगों को लाभ मिल सके।

    किसने लगाई है याचिका?

    जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि विचाराधीन अवधारणा ऐसे समुदायों की आर्थिक क्षमता का आंकलन करने से संबंधित है। पीठ ने टिप्पणी की कि जिन व्यक्तियों या समूहों ने आरक्षण के लाभों के माध्यम से पर्याप्त उत्थान प्राप्त कर लिया है, उन्हें बाहर करने पर विचार किया जा सकता है ताकि लाभ उन लोगों तक पहुंच सके जो उन्हीं समुदायों के आर्थिक रूप से वंचित हैं।

    गृह मंत्रालय को बनाया गया प्रतिवादी

    यह याचिका उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ़ के रहने वाले रमाशंकर प्रजापति और प्रतापगढ़ के रहने वाले यमुना प्रसाद ने दाखिल की है। याचिका में केंद्रीय गृह मंत्रालय के अलावा केंद्रीय समाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय तथा कानून मंत्रालय को प्रतिवादी बनाया गया है।

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