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    मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार से मांगी कार्रवाई रिपोर्ट, दिया दो हफ्ते का समय

    सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम यौन उत्पीड़न मामले में बिहार सरकार को दोषी अधिकारियों के खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई की रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। शीर्ष अदालत ने इसके लिए दो हफ्ते की मोहलत दी है।

    By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Wed, 23 Mar 2022 10:52 PM (IST)
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    सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को मुजफ्फरपुर शेल्टर होम यौन उत्पीड़न मामले में सुनवाई हुई।

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरोसुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को मुजफ्फरपुर शेल्टर होम यौन उत्पीड़न मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई की रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने इसके लिए राज्य सरकार को दो सप्ताह का समय दिया है। ये निर्देश प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने याचिकाकर्ता निवेदिता झा की ओर से इस संबंध में दाखिल अर्जी पर सुनवाई के बाद दिए।

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    बुधवार को अर्जी पर बहस करते हुए याचिकाकर्ता के वकील शोएब आलम ने कहा कि पिछले दिनों पटना हाई कोर्ट ने अखबार में छपी एक खबर पर संज्ञान लिया है जिसमें कहा गया था कि एक नाबालिग लड़की शेल्टर होम से भाग गई थी जहां उसका यौन शोषण हुआ था। आलम ने कहा कि ऐसा ही पहले हुआ था।

    मुजफ्फरपुर शेल्टर होम की घटना बताते हुए आलम ने कहा कि उस मामले की जांच सीबीआइ ने की थी और सीबीआइ ने रिपोर्ट में लापरवाही के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की थी, लेकिन आज तक नहीं पता कि उन अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई।

    आलम ने कहा कि बिहार सरकार को दोषी अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई की रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया जाए। बिहार सरकार की ओर से पेश वकील मनीष कुमार ने कहा कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। सीबीआइ की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि मुख्य मामले में 19 दोषियों को सजा सुनाई जा चुकी है और उनकी अपीलें दिल्ली हाई कोर्ट में लंबित हैं।

    उन्होंने यह भी बताया कि कुल 17 मामलों की जांच सीबीआइ ने की थी और सभी मामलों में जांच पूरी हो चुकी है। सीबीआइ ने मामले की जांच करने वाली मूल जांच टीम को खत्म करने की इजाजत मांगी। मामले में न्यायमित्र अपर्णा भट्ट ने हाई कोर्ट में अपीलें लंबित होने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि वहां सुनवाई के दौरान अभियोजन को जांच अधिकारी के सहयोग की जरूरत पड़ सकती है।

    पीठ ने सभी की दलीलें सुनने के बाद बिहार सरकार को अधिकारियों के खिलाफ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई की रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। साथ ही मामले को दो सप्ताह बाद फिर सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया। मालूम हो कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में रहने वाली लड़कियों के यौन उत्पीड़न के मामले में शुरुआत में निवेदिता झा ने ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।