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    'आतंक के खिलाफ संदेश देने के लिए...', UAPA के तहत कैद आरोपी की जमानत याचिका SC ने की खारिज

    Updated: Tue, 11 Nov 2025 09:04 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने आईएसआईएस से जुड़े एक आतंकी को जमानत देने से इनकार कर दिया, उस पर देश में आतंक फैलाने का आरोप है। कोर्ट ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ संदेश देने का यह सही समय है। आरोपित पर आईएस के समान व्हाट्सएप ग्रुप बनाने और अशांति फैलाने का आरोप है। कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को दो साल में सुनवाई खत्म करने का निर्देश दिया।

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    SC ने ISIS आतंकी की जमानत याचिका खारिज की

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को प्रतिबंधित आतंकी संगठन 'इस्लामिक स्टेट आफ इराक एंड सीरिया' (आइएस) संगठन से जुड़े एक आतंकी को जमानत देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि उस पर देश में 'आतंक का एक घेरा' बनाने का आरोप है।

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    सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा कि यह 'आतंकवाद के खिलाफ संदेश भेजने के लिए सबसे अच्छी सुबह है'। दरअसल एक दिन पहले ही दिल्ली के लाल किले के पास हुए भीषण कार बम विस्फोट में 15 लोगों की मौत हुई है।

    SC ने ISIS आतंकी की जमानत याचिका खारिज की

    जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की मंगलवार को यह टिप्पणी तब आई जब आरोपित सैयद ममूर अली के वकील ने कहा कि सोमवार को हुए हमले के बाद मामले की बहस करने के लिए यह सबसे अच्छी सुबह नहीं हो सकती है। पीठ उस याचिका की सुनवाई कर रही थी, जिसे आरोपित ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के जनवरी के आदेश को चुनौती देने के लिए दायर किया था, जिसने उसे इस मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया था।

    आतंक का घेरा बनाने का आरोप

    याचिकाकर्ता को मई, 2023 में गिरफ्तार किया गया था और इस मामले की जांच एनआइए द्वारा की गई थी। पीठ ने कहा कि आरोपित ने आइएस के समान एक व्हाट्सएप समूह बनाया था। इसके पीछे क्या मंशा थी? पीठ ने कहा, आरोपित भारत में अशांति पैदा करने का प्रयास कर रहा था। आप पर देश में आतंक का एक रिंग बनाने का प्रयास करने का आरोप है।

    दो साल में सुनवाई खत्म करने का निर्देश

    पीठ ने जमानत की याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। हालांकि, उसने ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया कि वह मामले की सुनवाई को दो वर्षों के भीतर समाप्त करें। पीठ ने कहा, 'यदि इस अवधि में सुनवाई समाप्त नहीं होती है और यह याचिकाकर्ता की गलती के कारण नहीं है, तो याचिकाकर्ता के लिए जमानत की प्रार्थना को फिर से जीवित करने का अवसर खुला रहेगा।'

    आरोपित पर अन्य लोगों के साथ मिलकर मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक शस्त्रागार पर हमले की साजिश करने का भी आरोप है ताकि आइएस के लिए बड़ी मात्रा में हथियार हासिल किए जा सकें।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)