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    Manipur Violence: मणिपुर में कब बहाल होगी इंटरनेट सेवा? याचिका पर तत्काल सुनवाई से SC का इनकार

    By Manish NegiEdited By: Manish Negi
    Updated: Fri, 09 Jun 2023 11:39 AM (IST)

    मणिपुर में इंटरनेट सेवा बहाली की मांग को लेकर दायर की गई याचिका पर तत्काल सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। मणिपुर के दो निवासियों ने इंटरनेट सेवा को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी।

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    Manipur Violence: मणिपुर में कब बहाल होगी इंटरनेट सेवा?

    नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। मणिपुर में बीते महीने हिंसा भड़कने के बाद इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थी। इंटरनेट सेवाएं बहाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। हालांकि, अदालत ने इस पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। मणिपुर मानवाधिकार आयोग (एमएचआरसी) ने भी राज्य सरकार से इंटरनेट सेवाओं की बहाली पर विचार करने को कहा है।

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    मणिपुर के दो निवासियों ने दायर की याचिका

    इंटरनेट सेवाएं शुरू करने के लिए मणिपुर के दो निवासियों चोंगथम विक्टर सिंह और मायेंगबाम जेम्स की ओर से याचिका दायर की गई थी। अदालत ने राज्य में बार-बार इंटरनेट बंद किए जाने के खिलाफ याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अवकाश पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय पहले से ही इसी तरह के मुद्दे पर विचार कर रहा है।

    हाईकोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा है। कार्यवाही को डुप्लिकेट करने की क्या आवश्यकता है? इसे नियमित पीठ के सामने उल्लेख करें।

    10 जून तक बढ़ा प्रतिबंध

    मणिपुर सरकार ने मंगलवार को इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध 10 जून तक बढ़ा दिया। आयुक्त (गृह) एच ज्ञान प्रकाश द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि ब्रॉडबैंड सहित मोबाइल डेटा सेवाओं का निलंबन 10 जून की दोपहर तीन बजे तक बढ़ा दिया गया है। राज्य में तीन मई को हिंसा भड़कने के बाद से इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई थी।

    भारत की एक्ट ईस्ट नीति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा: जयशंकर

    उधर, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि मणिपुर में संघर्ष देश का आंतरिक मुद्दा है। इसका भारत की 'एक्ट ईस्ट पालिसी' पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। 'एक्ट ईस्ट पालिसी' का उद्देश्य द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय स्तरों पर जुड़ाव के माध्यम से एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ रणनीतिक संबंध विकसित करना है, जिससे उत्तर पूर्वी क्षेत्र के राज्यों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान की जा सके।