Waqf Act के इन प्रावधानों पर लगी रोक; 'वक्फ बाय यूजर' को लेकर सुनवाई में क्या हुआ?
Waqf Board Bill वक्फ बोर्ड (संशोधन) अधिनियम 2025 के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कुछ प्रावधानों पर रोक लगा दी है। CJI बीआर गवई की बेंच ने वक्फ कानून के खिलाफ दायर 5 याचिकाओं पर सुनवाई की। कोर्ट ने वक्फ बोर्ड के सदस्यों की योग्यता और गैर-मुस्लिम सदस्यों की संख्या पर भी फैसले सुनाए।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कुछ महीने पहले संसद के बजट सत्र में जब वक्फ बोर्ड (संशोधन) अधिनियम 2025 (Waqf Board Bill) पेश हुआ, तो देश के कई हिस्सों में इसका विरोध किया गया। दोनों सदनों में बहुमत से पास होने के बाद राष्ट्रपति ने भी इसे मंजूरी दे दी। वहीं, अब वक्फ कानून (Waqf Act) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया। याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कुछ प्रावधानों पर रोक लगा दी है।
CJI बीआर गवई की अगवाई वाली 2 जजों की बेंच ने वक्फ कानून के खिलाफ दायर 5 याचिकाओं पर सुनवाई की। इस दौरान ए़डवोकेट कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी और धवन पैरवी ने याचिकाकर्ताओं का पक्ष रखा। वहीं, सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता कोर्टरूम में मौजूद थे।
कोर्ट ने वक्फ बाय यूजर को लेकर कोई फैसला नहीं दिया है। गौरतलब है कि पहले के कानून में वक्फ बाय यूजर का प्रावधान था। यानी किसी संपत्ति पर यदि वक्फ का कब्जा लंबे समय से है तो वह वक्फ का माना जाएगा, चाहे बोर्ड के पास उस संपत्ति के कागजात हो या न हो।
वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
1. कौन बन सकेगा वक्फ बोर्ड का सदस्य?
पहले - वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 में प्रावधान था कि पांच साल से ज्यादा समय तक इस्लाम धर्म का पालन करने वाले ही वक्फ बोर्ड के सदस्य बन सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रावधान पर रोक लगा दी।
अब - कोर्ट के अनुसार, जब तक राज्य सरकारें इस संदर्भ में कोई उचित नियम नहीं बना लेती, तब तक वक्फ बोर्ड का सदस्य बनने के लिए यह शर्त लागू नहीं होगी।
2. वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की संख्या कितनी?
पहले - वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 में प्रावधान किया गया था कि वक्फ बोर्ड के 11 सदस्यों में गैर-मुस्लिम सदस्य भी शामिल होंगे।
अब - इसपर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वक्फ बोर्ड में 3 से ज्यादा गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं हो सकते हैं। वहीं, केंद्रीय वक्फ परिषद में भी 4 से ज्यादा गैर-मुस्लिम सदस्य शामिल नहीं होंगे। इसके साथ कोर्ट ने कहा है कि अगर मुमकिन हो तो किसी मुस्लिम सदस्य को ही बोर्ड का सीईओ बनाया जाना चाहिए।
3. जिला कलेक्टर के अधिकार पर क्या कहा?
पहले - वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 के अनुसार, वक्फ बोर्ड जिस भी संपत्ति पर अतिक्रमण करेगा, वो संपत्ति सरकारी है या नहीं? यह तय करने का अधिकार जिला कलेक्टर के पास था।
अब - इसपर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिला कलेक्टर को नागरिकों के व्यक्तिगत अधिकारों पर फैसला लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। यह शक्तियों के पृथक्करण (Separation of Power) का उल्लंघन होगा।
अप्रैल में बना था कानून
वक्फ (संशोधन) बिल 2025 को बजट सत्र के दौरान दोनों सदनों में पास किया गया था। लोकसभा में 288 और राज्यसभा में 232 सांसदों ने इस बिल पर मुहर लगाई थी। इसके बाद 5 अप्रैल 2025 को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने भी इस कानून को मंजूरी दे दी थी।
इस कानून को रद करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। अदालत ने कानून रद करने से साफ इनकार करते हुए कुछ प्रावधानों पर रोक लगाई है।
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