'भारत-रूस संबंधों को खराब नहीं करना चाहते मगर...', बच्चे की कस्टडी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता
सुप्रीम कोर्ट ने एक रूसी महिला द्वारा बच्चे को लेकर भाग जाने और रूसी दूतावास से सहयोग न मिलने पर चिंता जताई। मामला बच्चे की कस्टडी को लेकर है, जिसमें महिला अपने भारतीय पति से अलग हो गई थी। कोर्ट ने कहा कि वह भारत-रूस संबंधों को खराब नहीं करना चाहती, लेकिन यह महत्वपूर्ण मामला है। अदालत ने बच्चे की सुरक्षा को लेकर भी चिंता व्यक्त की है और रूसी अधिकारियों से संपर्क करने के लिए समय दिया है।

मामला जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ के सामने है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की शीर्ष अदालत ने रूसी महिला द्वारा अपने भारतीय पति के साथ बच्चे की कस्टडी को लेकर चल रहे विवाद के बीच बच्चे को लेकर भाग जाने और इस पर रूसी दूतावास की तरफ से कोई उचित जवाब नहीं मिलने पर चिंता व्यक्त की है। ये मामला जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ के सामने है।
केंद्र सरकार ने इस संबंध में अदालत को जानकारी दी थी कि रूसी महिला विक्टोरिया बसु बच्चे को लेकर नेपाल के रास्ते अपने देश पहुंच गई होगी। अब केंद्र ने बताया है कि इस मामले में अब तक रूसी दूतावास से कोई ठोस सहायता नहीं मिली है। इस पर कोर्ट ने कहा कि वह कोई ऐसा आदेश नहीं देना चाहती, जिससे भारत-रूस के संबंधों पर कोई असर पड़े, लेकिन यह महत्वपूर्ण मामला है।
सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता
अदालत ने कहा कि 'हम केवल यही उम्मीद कर सकते हैं कि बच्चा अपनी माँ के साथ स्वस्थ और तंदुरुस्त हो। लेकिन हमें उम्मीद है कि यह बाल तस्करी का मामला नहीं है और वह रूस में अन्य शोषणकारी गतिविधियों में लिप्त नहीं है।' कोर्ट ने अधिकारियों को रूसी अधिकारियों से संपर्क करने के लिए दो सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया है।
दरअसल सैकत बसु नामक एक व्यक्ति ने रूसी महिला विक्टोरिया के साथ शादी की थी। दोनों का एक 4 साल का बच्चा भी है। लेकिन बाद में दोनों के रिश्तों में खटास आ गई और दोनों अलग हो गए। बच्चे की कस्टडी को लेकर सैकत बसु ने कानूनी लड़ाई लड़ी। अदालत ने इस संबंध में अभी तक कोई फैसला नहीं सुनाया था, लेकिन इसी बीच विक्टोरिया बच्चे को लेकर कहीं लापता हो गई।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास ने अपने रूसी समकक्षों से संपर्क किया, लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली। वहीं दिल्ली पुलिस ने भी अदालत को बताया कि उन्हें रूसी दूतावास से भी कोई मदद नहीं मिली। शीर्ष अदालत ने कहा कि बच्चे को सर्वोच्च न्यायालय की हिरासत से छीना गया है।

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