सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगी गंभीर रोगियों की देखभाल पर दिशानिर्देशों के क्रियान्वयन की जानकारी, 25 नवंबर को होगी अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की देखभाल (पैलिएटिव केयर) के लिए 2017 में जारी दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन पर जानकारी मांगी है। शीर्ष अदालत ने सरकार को तीन सप्ताह का समय दिया है। यह आदेश गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत पैलिएटिव केयर प्रदान करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया।
-1760374112676.webp)
25 नवंबर को होगी अगली सुनवाई (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की देखभाल (पैलिएटिव केयर) पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी 2017 के दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन के बारे में केंद्र सरकार से जानकारी मांगी है।
इसके लिए शीर्ष अदालत ने सरकार को तीन सप्ताह का समय दिया है।जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत पैलिएटिव केयर प्रदान करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।
कब होगी अगली सुनवाई?
पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर निर्धारित की है। याचिकाकर्ता की वकील जयना कोठारी ने पीठ को 'नेशनल प्रोग्राम फार पैलिएटिव केयर' नामक 2017 के दिशानिर्देशों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि केंद्र ने इस मामले में एक संक्षिप्त हलफनामा दायर किया है, लेकिन यह नहीं बताया कि वे दिशानिर्देशों का अनुपालन कैसे करते हैं।
दिशानिर्देश कहते हैं कि आपको जिला स्तर पर एक पैलिएटिव केयर टीम बनानी होगी और हर राज्य में एक पैलिएटिव प्रोटेक्शन सेल भी होना चाहिए। सरकार को बताना चाहिए कि कितने राज्यों ने ये सेल बनाए हैं। कोठारी ने कहा, केंद्र को यह भी बताना चाहिए कि कितने सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में पैलिएटिव केयर टीम हैं। पीठ ने अपने आदेश में दर्ज किया कि दिशानिर्देशों की एक प्रति केंद्र और राज्यों की ओर से पेश वकीलों के साथ साझा की गई है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।