Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Kashmir Conflict: कश्मीर पर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने बताया प्रचार का हथकंडा, लगाया 50 हजार का जुर्माना

    By Amit SinghEdited By:
    Updated: Sat, 10 Sep 2022 04:30 AM (IST)

    जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि वह आइआइटी-बांबे के स्नातक प्रभाकर वेंकटेश देशपांडे की याचिका पर सुनवाई करने के लिए इच्छुक नहीं है। देशपांडे ने याचिका में यह भी कहा था कि कश्मीर समस्या का सैन्य समाधान नहीं हो सकता है।

    Hero Image
    आइआइटी ग्रेजुएट पर सु्प्रीम कोर्ट ने लगाया जुर्माना

    नई दिल्ली, एजेंसियां: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कश्मीर समस्या के समाधान की मांग वाली याचिका को प्रचार का हथकंडा बताते हुए याचिकाकर्ता पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया। याचिकाकर्ता ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेश मुशर्रफ द्वारा तैयार चार सूत्रीय फार्मूले के आधार पर कश्मीर मसले को सुलझाने की मांग की थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    याचिका पर सुनवाई की इच्छुक नहीं थी कोर्ट

    जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि वह आइआइटी-बांबे के स्नातक प्रभाकर वेंकटेश देशपांडे की याचिका पर सुनवाई करने के लिए इच्छुक नहीं है। देशपांडे ने याचिका में यह भी कहा था कि कश्मीर समस्या का सैन्य समाधान नहीं हो सकता है। देशपांडे ने सिंह और मुशर्रफ के जिस तथाकथित फार्मूले के आधार पर समस्या के समाधान की वकालत की थी, उसमें स्वायत्तता, साझा नियंत्रण, विसैन्यीकरण और खुली सीमा शामिल है और जिस पर आगे बातचीत की जा सकती है।

    याचिकाकर्ता पर कोर्ट ने लगाया जुर्माना

    पीठ ने कहा कि अदालत नीतिगत मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है और यह याचिका प्रचार का हथकंडा से ज्यादा कुछ नहीं है। शुरुआत में ही पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील अरुप बनर्जी से कहा कि वह इस तरह की याचिकाओं से अदालत का समय बर्बाद करने के लिए उस पर जुर्माना लगाएगी। पीठ ने कहा, 'बेशक, हम आपको सुनेंगे, लेकिन हम आपको यह नोटिस भी दे रहे हैं कि हम जुर्माना लगाएंगे।' पीठ ने कुछ देर की सुनवाई के बाद कहा कि वह याचिका पर सुनवाई करने के लिए इच्छुक नहीं है और याचिकाकर्ता पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगा दिया।

    सुप्रीम कोर्ट ने दिया चार लाख रुपये मुआवजा

    आयुर्वेद चिकित्सक द्वारा एलोपैथिक दवा लिखने के चिकित्सकीय लापरवाही के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पीड़िता को चार लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने झेले गए कष्टों और आघात को ध्यान में रखते हुए कहा कि जवाबी हलफनामे में कहा गया है कि शिकायतकर्ता आज भी पूरी तरह से ठीक नहीं हुई है और उसका इलाज चल रहा है। शिकायत सबसे पहले पंजाब स्थित नर्सिंग होम के विरुद्ध एक जिला फोरम में दायर की गई थी और मामला राज्य आयोग और राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) से गुजरते हुए शीर्ष अदालत में पहुंचा। शिकायत में गलत निदान और गलत उपचार के लिए चिकित्सकीय लापरवाही का आरोप लगाया गया, जिससे शिकायतकर्ता लड़की के शरीर पर चकत्ते पड़ गए।

    comedy show banner
    comedy show banner