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    Adani-Hindenburg Case: 'सक्षम एजेंसी है SEBI', हिंडनबर्ग मामले में SC का बड़ा फैसला; सेबी की जांच में दखल देने से किया इनकार

    By Agency Edited By: Mohd Faisal
    Updated: Wed, 03 Jan 2024 11:13 AM (IST)

    Adani-Hindenburg Case सुप्रीम कोर्ट ने अदाणी हिंडनबर्ग मामले में आज फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सेबी की जांच में दखल देने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सेबी के नियामक ढांचे में प्रवेश करने की इस अदालत की शक्ति सीमित है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेबी से एसआईटी को जांच ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं है।

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    Adani-Hindenburg Case: 'सक्षम एजेंसी है SEBI', हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला (फाइल फोटो)

    एएनआई, नई दिल्ली। Adani-Hindenburg Case: सुप्रीम कोर्ट ने अदाणी हिंडनबर्ग मामले में आज फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सेबी की जांच में दखल देने से इनकार कर दिया है।

    सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सेबी के नियामक ढांचे में प्रवेश करने की इस अदालत की शक्ति सीमित है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेबी से एसआईटी को जांच ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं है।

    CJI ने क्या कहा?

    CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सेबी ने अदाणी समूह के खिलाफ आरोपों से संबंधित 24 में से 22 मामलों में अपनी जांच पूरी कर ली है। उन्होंने कहा कि मामले के तथ्य इस बात की गारंटी नहीं देते कि इसकी जांच किसी विशेष जांच दल (एसआईटी) या अन्य जांच एजेंसी को सौंपी जाए।

    तीन महीने में जांच पूरी करने को कहा

    इसी के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और सेबी से नियामक ढांचे को मजबूत करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिश पर विचार करने को कहा है। पीठ ने अदाणी समूह की जांच 3 महीने में पूरा करने को कहा है।

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    दो लंबित मामलों को लेकर दिया ये निर्देश

    SC ने सेबी को अदाणी-हिंडनबर्ग मामले में 24 में से दो लंबित मामलों की जांच 3 महीने के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया है। बता दें कि सरकार और सेबी अदालत द्वारा नियुक्त पैनल द्वारा की गई सिफारिशों पर कार्य करने पर विचार करेंगे।

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    पिछले साल सुरक्षित रखा था कोर्ट ने फैसला

    बता दें कि वकील विशाल तिवारी, एमएल शर्मा, कांग्रेस नेता जया ठाकुर और अनामिका जयसवाल द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 24 नवंबर को फैसला सुरक्षित रखा था।

    क्या है मामला?

    उल्लेखनीय है कि अदाणी समूह को लेकर हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट सामने आई थी। इस रिपोर्ट में अदाणी समूह पर शेयरों के मूल्य में हेरफेर का आरोप लगाया गया था, जिसके बाद अदाणी समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट भी दर्ज की गई थी।

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