Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Supreme Court: राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व में बिना मंजूरी के चल रहा था अवैध खनन, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

    Updated: Thu, 16 May 2024 06:00 AM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व के आसपास खनन की सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी है। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने क्रिटिकल टाइगर रिजर्व के एक किलोमीटर के दायरे में सभी खनन गतिविधियों पर रोक लगाने का आदेश दिया है। पीठ में शामिल जस्टिस एसवीएन भट्टी और जस्टिस संदीप मेहता ने कहा कि सरिस्का टाइगर रिजर्व खनन मामले में संज्ञान लेते हुए फैसला दिया।

    Hero Image
    राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व में बिना मंजूरी के चल रहा था अवैध खनन

    पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व के आसपास खनन की सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी है। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने क्रिटिकल टाइगर रिजर्व के एक किलोमीटर के दायरे में सभी खनन गतिविधियों पर रोक लगाने का आदेश दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राजस्थान सरकार को जारी किया गया था आदेश

     

    सुप्रीम कोर्ट ने 26 अप्रैल 2023 के अपने फैसले में निर्देश दिया था कि किसी राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य के भीतर और उनकी सीमा से एक किमी के क्षेत्र में खनन की अनुमति नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट की पीठ एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें राजस्थान सरकार को 26 अप्रैल के फैसले का कथित उल्लंघन करने वाली सभी खनन गतिविधियों को रोकने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

    अगली सुनवाई जुलाई महीने में होगी

     

    पीठ में शामिल जस्टिस एसवीएन भट्टी और जस्टिस संदीप मेहता ने कहा कि सरिस्का टाइगर रिजर्व खनन मामले में संज्ञान लेते हुए फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को क्लोजर रिपोर्ट भी बनाने का आदेश दिया है। अब इस मामले में सुनवाई जुलाई महीने में होगी। सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की मंजूरी के बिना सरिस्का वन्यजीव अभयारण्य के 10 किमी क्षेत्र के भीतर और सरिस्का टाइगर रिजर्व के एक किमी क्षेत्र के भीतर अवैध खनन गतिविधियों को रोकने के लिए राजस्थान राज्य को निर्देश देने के लिए एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी।

    याचिका में कही गई है ये बात

     

    याचिका में दावा किया गया था कि राजस्थान में कई खनन कंपनियां सरिस्का टाइगर रिजर्व इको सेंसिटिव जोन में खनन गतिविधियों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए विभिन्न आदेशों और निर्देशों का उल्लंघन कर रही हैं। यह आरोप लगाया गया था कि विभिन्न व्यक्ति और कंपनियां राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की मंजूरी के बिना और पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र के भीतर या उससे बाहर अवैध खनन गतिविधियों को अंजाम दे रही है।