क्या कम कीमत पर उपलब्ध हो सकती है SMA की दवा? सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी को जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान एसएमए की दवा रिस्डिप्लाम बनाने वाली कंपनी से पूछा है कि क्या भारत में यह दवा कम कीमत पर उपलब्ध कराई जा सकती है। भारत में ये दवा काफी महंगी है। सुप्रीम कोर्ट ने दवा निर्माता कंपनी से जवाब मांगा है। यह दवा पाकिस्तान चीन में सस्ती दर पर बेची जाती है।
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर बीमारी स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी (एसएमए) की दवा रिस्डिप्लाम बनाने वाली कंपनी से पूछा है कि क्या भारत में यह दवा कम कीमत पर उपलब्ध कराई जा सकती है।
गौरतलब है कि भारत में कई मरीज इस बीमारी से पीड़ित है। एसएमए अनुवांशिक बीमारी है, जिसमें मांसपेशियों को कमजोर हो जाती हैं। पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन को एसएमए की दवा की आपूर्ति सस्ती दर पर की जाती है।
दवा निर्माता कंपनी से कोर्ट ने मांगा जवाब
प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने दवा निर्माता कंपनी से तब जवाब मांगा, जब उसे एसएमए से पीड़ित 24 वर्षीय महिला सेबा की ओर से पेश वकील ने बताया कि एसएमए रोगियों के लिए दवा की कीमत पाकिस्तान और चीन में सस्ती है।
वकील ने कहा कि भारत सरकार इस बीमारी के लिए सस्ती दर पर दवा उपलब्ध कराने के लिए वैश्विक दवा निर्माता के साथ बातचीत क्यों नहीं कर सकती। पीठ ने रिस्डिप्लाम दवा बनाने वाली कंपनी मेसर्स एफ. हाफमैन-ला रोश लिमिटेड को नोटिस जारी किया। अदालत को अगली सुनवाई की तारीख पर पड़ोसी देशों में उक्त औषधि के लिए निर्धारित मूल्य से अवगत कराया जाएगा।
आठ अप्रैल को होगी अगली सुनवाई
पीठ ने आदेश दिया कि यदि कीमत भारत से कम है तो कोर्ट को यह भी बताया जाए कि क्या भारत में भी दवा की आपूर्ति उसी कम कीमत पर की जा सकती है। मामले की अगली सुनवाई आठ अप्रैल को होगी।
24 फरवरी को शीर्ष अदालत ने केरल हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें केंद्र को सेबा को 18 लाख रुपये की दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था। केंद्र ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
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