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    'कानून को इंसानियत के आगे झुकना पड़ता है', SC ने बांग्लादेशी महिला उसके बच्चे को दी भारत में एंट्री की इजाजत

    Updated: Wed, 03 Dec 2025 03:14 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने मानवीय आधार पर गर्भवती सोनाली खातून और उनके बच्चे को भारत में प्रवेश की अनुमति दी है, जिन्हें बांग्लादेशी होने के संदेह में वापस भेज ...और पढ़ें

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    SC ने बांग्लादेशी महिला और उसके बच्चे को दी भारत में एंट्री की इजाजत (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सोनाली खातून और परिवार के 5 लोगों को बांग्लादेशी होने के शक में 27 जून को बांग्लादेश भेज दिया गया था। जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने भारत आने की अनुमति दे दी है। इंसानियत के आधार पर कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह नौ महीने की गर्भवती सोनाली खातून और उसके 8 साल के बच्चे को बांग्लादेश से वापस लाए।

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    दरअसल, मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची ने कहा कि कानून को कभी-कभी इंसानियत के आगे झुकना होता है। इंसानियत के आधार पर सोनाली खातून और उसके बच्चे को भारत लाया जाएगा। यह कदम बिना किसी तर्क को प्रभावित किए उठाया गया है। क्रेंद्र सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि इससे अन्य मामले प्रभावित नहीं होंगे, यह सिर्फ मानवीय आधार पर उठाया गया कदम है।

    पश्चिम बंगाल सरकार को दिया ये निर्देश

    सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इंसानियत के आधार पर एक प्रेग्नेंट महिला और उसके आठ साल के बच्चे को भारत में एंट्री की इजाजत दे दी। साथ ही पश्चिम बंगाल सरकार से नाबालिग का ध्यान रखने को कहा और बीरभूम जिले के चीफ मेडिकल ऑफिसर को प्रेग्नेंट महिला सोनाली खातून को हर मुमकिन मेडिकल मदद देने का निर्देश दिया।

    अंत में भेजा जाएगा दिल्ली

    मामले की सुनवाई के दौरान बेंच ने केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की इस बात पर ध्यान दिया कि सक्षम अथॉरिटी पूरी तरह से इंसानियत के आधार पर महिला और उसके बच्चे को देश में आने देने के लिए सहमत हो गई है और उन्हें निगरानी में रखा जाएगा। अंत में उसे दिल्ली वापस लाया जाएगा, जहां से उन्हें बांग्लादेश डिपोर्ट कर दिया जाएगा।

    परिवार के लोगों को भी भारत लाने की मांग

    सीनियर वकील कपिल सिब्बल और संजय हेगड़े ने कोर्ट से कहा कि सोनाली के पति समेत और भी लोग बांग्लादेश में हैं और उन्हें भारत वापस लाने की जरूरत है, जिसके लिए मेहता आगे के निर्देश मांग सकते हैं। मेहता ने कहा कि वह उनके भारतीय नागरिक होने के दावे का विरोध करेंगे और कहा कि वे बांग्लादेशी नागरिक हैं और केंद्र सरकार सिर्फ मानवीय आधार पर महिला और उसके बच्चे को भारत में आने दे रही है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)