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    सुप्रीम कोर्ट की सख्ती... बैंक-बिल्डर साठगांठ मामले में CBI को छह और FIR दर्ज करने का आदेश

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Tue, 23 Sep 2025 11:30 PM (IST)

    मुंबई बेंगलुरु कोलकाता मोहाली और प्रयागराज में घर खरीदारों से धोखाधड़ी के मामले में बैंकों और बिल्डरों के बीच साठगांठ को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सीबीआई को छह और मामले दर्ज करने की अनुमति दी। पीठ ने सीबीआइ की उस दलील पर गौर किया जिसमें कहा गया कि प्रारंभिक जांच के बाद एक संज्ञानीय अपराध का मामला बनता है।

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    बिल्डर-बैंक साठगांठ मामले में सीबीआइ को छह और एफआइआर दर्ज करने की सुप्रीम कोर्ट ने दी अनुमति

     पीटीआई, नई दिल्ली। मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, मोहाली और प्रयागराज में घर खरीदारों से धोखाधड़ी के मामले में बैंकों और बिल्डरों के बीच साठगांठ को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सीबीआई को छह और मामले दर्ज करने की अनुमति दी।

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    पीठ ने कही ये बात

    जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्जल भुइयां और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने सीबीआइ की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी की दलील सुनने के बाद जांच एजेंसी को कानून के अनुसार आगे बढ़ने की अनुमति दी।

    भाटी ने शीर्ष कोर्ट को बताया कि विभिन्न बिल्डरों के प्रोजेक्ट्स से जुड़े मामलों की प्रारंभिक जांच पूरी हो चुकी है, सिवाय सुपरटेक लिमिटेड को छोड़कर। ये प्रोजेक्ट्स मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, मोहाली और प्रयागराज में स्थित है।

    पीठ ने सीबीआई को दिया यह आदेश

    पीठ ने सीबीआइ की उस दलील पर गौर किया जिसमें कहा गया कि प्रारंभिक जांच के बाद एक संज्ञानीय अपराध का मामला बनता है और एजेंसी को नियमित मामले दर्ज करने और कानून के अनुसार आगे बढ़ने की अनुमति दी गई।

    भाटी ने कहा कि एजेंसी तेजी से जांच के लिए छह नियमित मामले दर्ज करने और मामले में तलाशी और जब्ती करने के लिए तैयार है। शीर्ष कोर्ट ने भाटी को रिपोर्ट के कुछ हिस्सों को अमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) राजीव जैन के साथ साझा करने का भी निर्देश दिया।

    पीठ ने 22 जुलाई को जब सीबीआइ को दिल्ली-एनसीआर में घर खरीदारों को धोखा देने के लिए बैंकों और बिल्डरों की साठगांठ के संबंध में जांच के लिए 22 मामले दर्ज करने की अनुमति दी थी, तब जांच एजेंसी को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के बाहर परियोजनाओं के लिए प्रारंभिक जांच पूरी करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया था।

     एनसीआर में काम कर रहे बिल्डरों पर शिकंजा

    इन मामलों में एनसीआर में काम कर रहे बिल्डर और उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा के विकास प्राधिकरण शामिल थे। बैंकों द्वारा सबवेंशन योजना के तहत स्वीकृत राशि सीधे बिल्डरों के खातों में भेजी जाती है, जिन्हें घर खरीदारों को फ्लैट सौंपने तक ईएमआई का भुगतान करना होता है। जब बिल्डर ईएमआई का भुगतान करने में चूकने लगे तो बैंकों ने घर खरीदारों से ईएमआइ की मांग की।

    सुप्रीम कोर्ट ने 1,200 से अधिक घर खरीदारों द्वारा दायर याचिकाओं की सुनवाई की है, जिन्होंने एनसीआर के विभिन्न आवासीय परियोजनाओं में सबवेंशन योजनाओं के तहत फ्लैट बुक किए थे।

    इन्हें बताया गया मुख्य अपराधी

    अमिकस क्यूरी ने सुपरटेक लिमिटेड को घर खरीदारों को धोखा देने में ''मुख्य अपराधी'' बताया, जबकि कॉर्पोरेशन बैंक ने सबवेंशन योजनाओं के माध्यम से बिल्डरों को 2,700 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी। अमिकस क्यूरी की रिपोर्ट में राजफाश हुआ कि सुपरटेक लिमिटेड ने अकेले 1998 से 5,157.86 करोड़ रुपये का ऋण प्राप्त किया है।