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    सुनील जोशी हत्याकांड: अब कमलनाथ भी बोले- सुनील जोशी हत्याकांड की फाइल फिर खुलेगी

    By Dhyanendra SinghEdited By:
    Updated: Wed, 22 May 2019 01:46 AM (IST)

    साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से संबंधित देवास के सुनील जोशी हत्याकांड की फाइल फिर खोली जाएगी। मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने हत्यकांड की फाइल खोले जाने पर सहमत ...और पढ़ें

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    सुनील जोशी हत्याकांड: अब कमलनाथ भी बोले- सुनील जोशी हत्याकांड की फाइल फिर खुलेगी

    भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश सरकार में विधि विधायी मंत्री पीसी शर्मा के बाद अब मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी कह दिया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रचारक सुनील जोशी हत्याकांड की फाइल फिर से खोली जाएगी। यदि ऐसा हुआ तो भोपाल से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की समस्याएं बढ़ सकती हैं।

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    गौरतलब है कि पीसी शर्मा ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में विधायकों की बैठक में शामिल होने के बाद कहा था कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से संबंधित देवास के सुनील जोशी हत्याकांड की फाइल फिर खोली जाएगी। मामले की जांच दोबारा कराई जाएगी। मंत्री के इस बयान पर जब मंगलवार को मुख्यमंत्री से सवाल किया गया तो उन्होंने मंत्री के बयान पर सहमति जताई। कमलनाथ मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे।

    फैसले को नहीं दी गई चुनौती
    मालेगांव ब्लास्ट की आरोपित साध्वी प्रज्ञा पर जोशी हत्याकांड में भी केस चला था, लेकिन 2017 में देवास की निचली अदालत ने प्रज्ञा समेत आठ लोगों को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। मंत्री शर्मा ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी की गलती से निचली अदालत के फैसले को कोर्ट में चुनौती नहीं दी गई। अब इस केस को फिर से खोलने के लिए कानूनी राय मांगी गई है। सरकार देवास की अदालत के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दायर करेगी। इस मामले में देवास कलेक्टर से एक रिपोर्ट भी मांगी गई है। तत्कालीन देवास कलेक्टर ने विधि विभाग से पूछे बिना कोर्ट के आदेश को चुनौती नहीं देने का फैसला किया था। उन्हें इस संबंध में विधि विभाग से पूछना चाहिए था।

    यह था मामला
    सुनील जोशी के खिलाफ एनआइए ने 2007 के समझौता ब्लास्ट केस में चार्जशीट दायर की थी। इस बीच 29 दिसंबर 2007 को देवास में चूना खदान में उन्हें गोली मार दी गई थी। जोशी के मर्डर केस में साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ मप्र पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी। 2013 में एनआइए को यह केस जांच के लिए मिला था और एनआइए ने अगस्त 2015 में इस मामले में एक सप्लीमेंट्री चाार्जशीट पेश की थी। एनआइए का तर्क था कि इस केस में आतंकवाद से जुड़ा कोई एंगल नहीं मिला है।

    एनआइए को जोशी मर्डर केस में कोई बड़ी साजिश नहीं मिली। इसके बाद सुनील जोशी हत्याकांड की जांच वापस मप्र पुलिस को दे दी गई। खास बात यह है कि मप्र पुलिस ने साध्वी के खिलाफ अपनी चार्जशीट में कहा था कि प्रज्ञा ठाकुर और चार अन्य लोगों ने मिलकर सुनील जोशी की हत्या की है, क्योंकि उन्हें डर था कि सुनील जोशी समझौता और अजमेर ब्लास्ट में भी उनका नाम ले सकते हैं।

    उधर, कांग्रेस सरकार के इस फैसले को भाजपा बदले की राजनीति बता रही है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि ऐसा लगता है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने की वजह से साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ सरकार ने यह फैसला लिया है। एक्जिट पोल में भोपाल से साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की जीत का अनुमान लगाया गया है।

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