आचार्य बालकृष्ण के विरुद्ध पर्याप्त आधार: कोर्ट
देहरादून [जागरण संवाददाता]। फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों के आधार पर भारतीय पासपोर्ट हासिल करने के मामले में योगगुरु बाबा रामदेव के निकट सहयोगी आचार्य बालकृष्ण की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सीबीआइ अदालत के विशेष न्यायाधीश प्रीतू शर्मा की अदालत ने शनिवार को कहा कि आचार्य ने पासपोर्ट लेने के लिए जो दस्तावेज दिए हैं,
देहरादून [जागरण संवाददाता]। फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों के आधार पर भारतीय पासपोर्ट हासिल करने के मामले में योगगुरु बाबा रामदेव के निकट सहयोगी आचार्य बालकृष्ण की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सीबीआइ अदालत के विशेष न्यायाधीश प्रीतू शर्मा की अदालत ने शनिवार को कहा कि आचार्य ने पासपोर्ट लेने के लिए जो दस्तावेज दिए हैं, वे कूटरचित हैं। ऐसे में उनके विरुद्ध आरोप तय करने के पर्याप्त सबूत हैं।
सहआरोपी प्रोफेसर नरेश चंद्र द्विवेदी के विरुद्ध भी आरोप तय करने के साक्ष्य हैं। बचाव पक्ष की आपत्तियों का निस्तारण कर अदालत ने आरोप तय करने के लिए आगामी 13 सितंबर की तारीख नियत की है।
पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के महामंत्री व रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण पर फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र व दस्तावेजों के आधार पर, भारतीय नागरिकता के बगैर पासपोर्ट बनवाने के आरोप हैं। इस सिलसिले में सीबीआइ ने बालकृष्ण को पिछले साल 20 जुलाई को गिरफ्तार किया था। सीबीआइ ने जांच में दावा किया कि आचार्य ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के खुर्जा स्थित श्रीराधाकृष्ण संस्कृत महाविद्यालय से 1997 में फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र हासिल किया। वहां के प्राचार्य प्रो. नरेश चंद्र द्विवेदी ने उन्हें ये प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराए। इस मामले में प्रो. द्विवेदी भी सह आरोपी हैं। एक माह जेल में रहने के बाद दोनों जमानत पर हैं।
शनिवार को अदालत ने बचाव पक्ष की सभी आपत्तियों का निस्तारण कर दिया और कहा कि आचार्य व द्विवेदी पर आरोप तय करने के लिए पर्याप्त आधार हैं। सुनवाई के दौरान आचार्य व द्विवेदी कोर्ट में मौजूद रहे।
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