Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    High BP वाले हो जाएं सावधान, काम के दबाव के कारण मौत का खतरा तीन गुना ज्यादा

    By Sanjay PokhriyalEdited By:
    Updated: Mon, 29 Apr 2019 03:57 PM (IST)

    Silent Killer काम के दबाव में लोग नींद भी पर्याप्त नहीं लेते। काम का दबाव और नींद की कमी मिलकर एक खास तरह का खतरा पैदा करती है जो जानलेवा साबित हो सकती है।

    High BP वाले हो जाएं सावधान, काम के दबाव के कारण मौत का खतरा तीन गुना ज्यादा

    नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]।अगर आप भी हाई ब्लड प्रेशर के शिकार हैं, तो काम का ज्यादा दबाव लेने से बचें। ताजा शोध के मुताबिक, काम के दबाव और अनियमित नींद के कारण हाई बीपी से मौत का खतरा तीन गुना तक बढ़ सकता है। यह खतरा इतने चुपचाप और धीरे-धीरे आगे बढ़ता है कि इसे Silent Killer भी कहा जा सकता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जर्मनी स्थित टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिख के प्रोफेसर कार्ल हिंज लाडविग ने कहा, ‘नींद अपनी ऊर्जा को पुन: संजोने का तरीका है। अगर काम का दबाव हो, तो अच्छी नींद उसके दुष्प्रभाव को कम करती है। दुर्भाग्य से ऐसा हो नहीं पाता। काम के दबाव में लोग नींद भी पर्याप्त नहीं लेते। यह दबाव और नींद की कमी मिलकर हाई बीपी को ज्यादा जानलेवा बना देते हैं।’ शोध के दौरान 25 से 65 साल की उम्र के 2 हजार ऐसे लोगों को शामिल किया गया, जिन्हें दिल से जुड़ी कोई बीमारी या डायबिटीज की परेशानी नहीं थी। इस दौरान बिना दबाव के अच्छी नींद लेने वालों और दबाव व कम नींद लेने वालों का तुलनात्मक अध्ययन किया गया।

    हाई ब्लड प्रेशर क्‍या है?
    आपको पता होगा कि हमारे शरीर में मौजूद रक्त नसों में लगातार दौड़ता रहता है और इसी रक्त के माध्यम से शरीर के सभी अंगों तक ऊर्जा और पोषण के लिए जरूरी ऑक्सीजन, ग्लूकोज, विटामिन्स, मिनरल्स आदि पहुंचते हैं। ब्लड प्रेशर उस दबाव को कहते हैं, जो रक्त प्रवाह की वजह से नसों की दीवारों पर पड़ता है। आमतौर पर ये ब्लड प्रेशर इस बात पर निर्भर करता है कि हृदय कितनी गति से रक्त को पंप कर रहा है और रक्त को नसों में प्रवाहित होने में कितने अवरोधों का सामना करना पड़ रहा है। मेडिकल गाइडलाइन्स के अनुसार 130/80 mmHg से ज्यादा रक्त का दबाव हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर की श्रेणी में आता है।

    हाई ब्लड प्रेशर का कारण
    हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप दो तरह का होता है...

    प्राइमरी हाइपरटेंशन - प्राइमरी हाइपरटेंशन ज्यादातर युवाओं को होता है और इसका कोई खास कारण नहीं होता है बल्कि लगातार अनियमित जीवनशैली की वजह से ये धीरे-धीरे समय के साथ हो जाता है। इस तरह के ब्लड प्रेशर का कारण बहुत आम होता है जैसै: मोटापा नींद की कमी अत्यधिक गुस्सा करना मांसाहारी भोजन का अधिक सेवन तनाव तैलीय पदार्थों और अस्वस्थ खान-पान।

    सेकेंडरी हाइपरटेंशन - सेकेंडरी हाइपरटेंशन वो है जो शरीर में किसी रोग के कारण या किसी स्थिति के कारण हो जाता है। आमतौर पर सेकेंडरी हाइपरटेंशन के निम्न कारण होते हैं। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया किडनी का कोई रोग एड्रीनल ग्लैंड ट्यूमर थायरॉइड की समस्या अनुवांशिक कारणों से नसों में कोई खराबी गर्भनिरोधक दवाओं का अधिक सेवन, सर्दी-जुकाम और दर्द की दवाओं का अधिक सेवन शराब, सिगरेट, ड्रग्स आदि का नशा करने से।

    हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण
    उच्‍च रक्‍तचाप के प्रारंभिक लक्षण में रोगी के सिर के पीछे और गर्दन में दर्द रहने लगता है। कई बार इस तरह की परेशानी को वह नजरअंदाज कर देता है, जो आगे चलकर गंभीर समस्‍या बन जाती है। आमतौर पर हाई ब्लड प्रेशर के ये लक्षण होते हैं।

    • तनाव होना सिर में दर्द सांसों का तेज चलना और कई बार सांस लेने में तकलीफ होना सीने में दर्द की समस्या आंखों से दिखने में परिवर्तन होना जैसे धुंधला दिखना पेशाब के साथ खून निकलना सिर चकराना थकान और सुस्ती लगना नाक से खून निकलना नींद न आना दिल की धड़कन बढ़ जाना।
    • कई बार कुछ लोगों में उच्‍च रक्‍तचाप से संबंधित कोई भी लक्षण नजर नहीं आता। उन्‍हें इस बारे में चेकअप के बाद ही जानकारी होती है।
    • हाई ब्‍लड प्रेशर के लक्षण दिखाई न देना किडनी और हार्ट के लिए घातक हो सकता है इसलिए अगर आपको लगातार थकान या आलस जैसी सामान्य समस्या भी है, तो अपना ब्लड प्रेशर जरूर जांच करवाएं।

    हाइपरटेंशन का दिल पर प्रभाव
    यह हृदय को रक्‍त पहुंचाने वाली धमनियों को सख्‍त अथवा मोटा कर सकता है। जिससे उनकी चौड़ाई कम हो जाती है। परिणामस्‍वरूप हृदय को पर्याप्‍त मात्रा में रक्‍त नहीं मिल पाता और एन्‍जिनिया, हार्ट डिजीज और कोरोनेरी हार्ट डिजीज होने का अंदेशा काफी बढ़ जाता है। इससे हार्ट अटैक हो सकता है। वास्‍तव में जिस व्‍यक्ति को एक्‍यूट हार्ट अटैक आया हो, उन्‍हें पहले से हाइपरटेंश होता है, जो चोरी से अचानक सामने आता है और फिर उसका इलाज किया जाता है। हाइपरटेंशन से दिल की मांसपेशियां असामान्‍य रूप से मोटी हो जाती हैं, जिसे बायें निलय अतिवृद्धि कहा जाता है। जो भविष्‍य में कार्डियोवस्‍कुलर डिजीज के कारण मौत होने का बड़ा कारक होता है।

    नमक लें कम
    डॉक्टर के अनुसार ब्लड प्रेशर के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है, अधिक मात्रा में नमक का सेवन, जिससे कि हृदय की समस्याएं होने का खतरा बढ़ जाता है। अगर आप समय रहते अपने खान-पान पर ध्यान देंगे तो आगे जाकर आपको किसी प्रकार की समस्या नहीं आयेगी।

    सीढ़ियों का प्रयोग करें
    प्रतिदिन व्यायाम करना हृदय सवास्थ्‍य के लिए अच्छा होता है। ऑफिस में लिफ्ट का प्रयोग करने के बजाय सीढ़ियों का प्रयोग करें।

    कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर नियंत्रण
    ऐसे आहार लें जिनसे शरीर में कालेस्ट्राल का स्तर नियंत्रित रहे क्योंकि कोलेस्ट्राल का स्तर हृदय स्‍वास्‍थ्‍य को प्रभावित करता है। सेब और संतरे जैसे फल, प्याज़, ब्रोकोली जैसी सब्जि़यों और मछली का सेवन करें।