कर्नाटक जाति सर्वे में हिस्सा क्यों नहीं लेगा सुधा मूर्ति का परिवार? राज्यसभा सांसद ने बताई वजह
राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति और उनके परिवार ने कर्नाटक में हो रहे जाति सर्वे में भाग न लेने का निर्णय लिया है। उन्होंने व्यक्तिगत जानकारी की गोपनीयता और सर्वेक्षण की आवश्यकता पर सवाल उठाते हुए यह फैसला किया। उनका मानना है कि इस तरह के सर्वे में निजी जानकारी सार्वजनिक होने का खतरा है।

राज्य सभा सांसद एवं समाजसेवी सुधा मूर्ति। (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्यसभा सांसद और समाजसेवी सुधा मूर्ति ने कर्नाटक में 'कास्ट सर्वे' के नाम से मशहूर सोशल और एजुकेशनल सर्वे में हिस्सा लेने से मना कर दिया है। इस बात की जानकारी उन्होंने खुद दी है।
दरअसल, टेक की दिग्गज कंपनी इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति और उनकी पत्नी ने कर्नाटक में हो रहे इस सर्वे में हिस्सा लेने से मना कर दिया है। दंपती का कहना है कि वे किसी पिछड़े समुदाय से नहीं हैं और इसलिए इस सर्वे में हिस्सा नहीं लेंगे।
सुधा मूर्ति के परिवार का सेल्फ-डिक्लेरेशन
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने एक सेल्फ-डिक्लेरेशन पर साइन किया। इसमें कहा गया कि परिवार सर्वे में हिस्सा लेने से मना कर रहा है क्योंकि इससे उनके मामले में सरकार का कोई मकसद पूरा नहीं होगा।
वहीं, सुधा मूर्ति ने कर्नाटक स्टेट कमीशन फॉर बैकवर्ड क्लासेस (KSCBC) के सोशल और एजुकेशनल सर्वे में कोई भी जानकारी न देने के बहाने के तौर पर पर्सनल कारण भी बताए।
सुधा मू्र्ति के स्टैंड पर डिप्टी सीएम का रिएक्शन
इधर, सुधा मूर्ति के स्टैंड पर रिएक्ट करते हुए कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि हम किसी को भी सर्वे में हिस्सा लेने के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं। यह अपनी मर्जी से करना होगा। बता दें कि ये सर्वे पूरी तरीके से वैकल्पिक है।
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