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    Sudan Conflict: सूडान में क्यों छिड़ी है बीते 18 दिनों से जंग, पढ़ें क्या है युद्ध की A,B,C,D

    By Mohd FaisalEdited By: Mohd Faisal
    Updated: Wed, 03 May 2023 11:08 AM (IST)

    Sudan Conflict सूडान के दो सबसे शक्तिशाली जनरलों के बीच सत्ता की लड़ाई में अब तक सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं। ऐसे में आपको सूडान के हालिया स्थिति के बारे में जानना चाहिए आखिर अफ्रीकी देश सूडान युद्ध की चपेट में क्यों और किन प्रस्थितियों में आया हैं।

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    Sudan Conflict: दो जनरलों की जंग में तबाह हो रहा सूडान (फोटो जागरण ग्राफिक्स)

    नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Sudan Conflict: सूडान के दो सबसे शक्तिशाली जनरलों के बीच सत्ता की लड़ाई में अब तक सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं। इसके अलावा एक लाख से अधिक लोग अपनी जान बचाकर देश को छोड़कर जा चुके हैं, जबकि हजारों लोग इस युद्ध के कारण विस्थापित हुए हैं। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इस युद्ध के चलते अंतरराष्ट्रीय सहायता पर निर्भर हैं। ऐसे में आपको सूडान के हालिया स्थिति के बारे में जानना चाहिए, आखिर अफ्रीकी देश सूडान युद्ध की चपेट में क्यों और किन प्रस्थितियों में आया हैं। आपको विस्तार से बताते हैं सूडान की वर्तमान स्थिति के पीछे का कारण।

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    सूडान में किस वजह से छिड़ा युद्ध?

    दरअसल, सूडान की सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) के बीच महीनों से तनाव बना हुआ था। सेना और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्सेज ने अक्टूबर 2021 में जनता द्वारा चुनी हुई सरकार का तख्तापलट कर दिया था। उमर अल-बशीर की सरकार को उखाड़ फेंकने की वर्षगांठ से पहले अप्रैल की शुरुआत में एक अंतिम समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने थे। योजना के तहत सेना और आरएसएफ दोनों को सत्ता सौंपने की आवश्यकता थी और दो मुद्दे विशेष रूप से विवादास्पद साबित हुए। पहला था आरएसएफ को नियमित सशस्त्र बलों में शामिल किया जाना और दूसरा सेना और आरएसएफ नेताओं के बीच कमान की श्रृंखला और नागरिक निगरानी के सवाल। हालांकि, सत्ता को लेकर जैसे ही युद्ध छिड़ा तो दोनों पक्षों ने हिंसा भड़काने के लिए दूसरे को जिम्मेदार ठहराया।

    कौन हैं युद्ध का मुख्य खिलाड़ी?

    पिछले दिनों सेना ने आरएसएफ पर अवैध रूप से लामबंद होने का आरोप लगाया। हालांकि, आरएसएफ ने कहा कि सेना ने बशीर के वफादारों के साथ एक साजिश के तहत पूरी ताकत हासिल करने की कोशिश की थी। बता दें कि इस सत्ता संघर्ष में नायक जनरल अब्देल फत्ताह अल-बुरहान हैं, जो 2019 से सेना के प्रमुख और सूडान की सत्तारूढ़ परिषद के नेता हैं। वहीं, परिषद में उनके डिप्टी और आरएसएफ नेता जनरल मोहम्मद हमदान दगालो, जिन्हें आमतौर पर हेमेदती के नाम से भी जाना जाता है। राजनयिकों और विश्लेषकों ने कहा कि हेमेदती की खुद को एक राजनेता के रूप में बदलने और सत्ता के केंद्र में अपनी स्थिति को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा था। जिस वजह से आज सूडान में युद्ध छिड़ा है।

    क्यों छिड़ी है बीते 18 दिनों से जंग

    • 15 अप्रैल 2023 को सेना और RSF के बीच छिड़ी जंग
    • देश की सत्ता पर कब्जा चाहते हैं सेना और RSF
    • सेना के कमांडर जनरल अब्देल फत्ताह और RSF के कमांडर जनरल मोहम्मद हमदान के बीच चल रहा था तनाव
    • युद्ध के कारण एक लाख से अधिक लोगों ने किया पलायन
    • सैकड़ों लोग इस युद्ध में मारे गए

    दांव पर क्या है?

    विद्रोह ने उम्मीद जगाई थी कि सूडान और इसकी 46 मिलियन आबादी दशकों के निरंकुश शासन, आंतरिक संघर्ष और बशीर के तहत आर्थिक अलगाव से उभर सकती है। अफ्रीका के सबसे बड़े शहरी क्षेत्रों में से एक पर केंद्रित वर्तमान लड़ाई न केवल उन आशाओं को नष्ट कर सकती है, बल्कि साहेल, लाल सागर और हॉर्न ऑफ अफ्रीका की सीमा से लगे एक क्षेत्र को अस्थिर कर सकती है। वह रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच क्षेत्र में प्रभाव के लिए प्रतिस्पर्धा में भी खेल सकता है। जिन्होंने सूडान में विभिन्न को नेताओं को जन्म दिया है।

    क्या है अंतरराष्ट्रीय नेताओं की भूमिका

    संयुक्त राज्य अमेरिका सहित पश्चिमी शक्तियां बशीर के तख्तापलट के बाद लोकतांत्रिक चुनावों की ओर बढ़ रही थीं। उन्होंने तख्तापलट के बाद वित्तीय सहायता को निलंबित कर दिया, फिर नए परिवर्तन और एक नागरिक सरकार की योजना का समर्थन किया था। ऊर्जा-समृद्ध शक्तियों सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने भी सूडान में घटनाओं को आकार देने की कोशिश की है, जिसमें बशीर के शासन से अलग होने को इस्लामी प्रभाव को वापस लेने और क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ाने का एक तरीका माना गया है।

    खाड़ी देशों ने कृषि सहित कई क्षेत्रों में निवेश किया है, जहां सूडान की व्यापक क्षमता है और सूडान के लाल सागर तट पर बंदरगाह हैं। रूस लाल सागर पर एक नौसेना बेस बनाने की कोशिश कर रहा है, जबकि यूएई की कई कंपनियां निवेश के लिए हस्ताक्षर कर रही हैं। हेमेदती ने यूएई और रूस सहित अन्य विदेशी शक्तियों के साथ संबंध स्थापित किए हैं।

    अब क्या है स्थिति

    अंतरराष्ट्रीय दलों ने मानवीय युद्धविराम और बातचीत की वापसी का आह्वान किया है, लेकिन लड़ाई में खामोशी के बावजूद युद्धरत गुटों से समझौते के कुछ संकेत मिले हैं, जिससे विदेशी राष्ट्रों को राजनयिकों और नागरिकों को निकालने की अनुमति मिली। इस बीच, सूडानी नागरिक राजधानी क्षेत्र से बाहर निकल आए हैं। सेना ने आरएसएफ को विद्रोही बल करार दिया है और इसे भंग करने की मांग की है। जबकि हेमेदती ने बुरहान को एक अपराधी कहा है और उसे देश के विनाश के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

    मानवीय संकट की ओर बढ़ रहा सूडान

    • सूडान की सेना के पास वायु शक्ति और अनुमानित 300,000 सैनिकों सहित बेहतर संसाधन हैं
    • हाल ही में आरएसएफ का भी विकास हुआ है। उन्होंने लगभग 100,000 के एक सुसज्जित बल को देश भर में तैनात किया है।
    • बढ़ते मानवीय संकट ने एक ऐसे देश को प्रभावित किया है, जो पहले से ही संकट से गुजर रहा है।
    • सूडान के भीतर बड़े पैमाने पर विस्थापन हो रहा है जो सीमा पर तेजी से फैल सकता है।
    • सूडान में पहले ही हजारों लोग मिस्र, चाड और दक्षिण सूडान सहित पड़ोसी राज्यों में भाग चुके हैं।