अब गहरे समुद्र के रहस्यों को खोजेगा भारत, पनडुब्बी 'मत्स्य-6000' वेट टेस्ट में हुई पास
Submarine Matsya 6000 गहरे समुद्र के रहस्यों का पता लगाने वाली भारत की महत्वाकांक्षी समुद्रयान परियोजना को आज बड़ी सफलता मिली है। पनडुब्बी मत्स्य-6000 ने बंदरगाह पर वेट टेस्टिंग सफलतापूर्वक पूरी कर ली है। बंदरगाह में पानी की गहराई सीमित होने के कारण पानी के भीतर ध्वनि संचार कम प्रभावी था। अब समुद्र में 500 मीटर की गहराई तक उथले पानी में इसका परीक्षण किया जाएगा।

आइएएनएस, नई दिल्ली। भारत की चौथी पीढ़ी की वैज्ञानिक पनडुब्बी मत्स्य-6000 ने बंदरगाह पर वेट टेस्टिंग सफलतापूर्वक पूरी कर ली है। गहरे समुद्र के रहस्यों का पता लगाने वाली भारत की महत्वाकांक्षी समुद्रयान परियोजना के लिए यह महत्वपूर्ण कदम है।
गहराई में उतरने का मार्ग प्रशस्त हुआ
सोमवार को जारी बयान के अनुसार इस सफलता से मत्स्य-6000 के इस इसी वर्ष समुद्र में 500 मीटर तक की गहराई में उतरने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। डिजाइन पूरा होने के बाद पनडुब्बी के एकीकरण और प्रदर्शन का आकलन करने के लिए कई परीक्षण किए गए थे।
इन परीक्षणों के बाद इसे वेट टेस्ट और कार्यक्षमता प्रदर्शन करने के लिए 27 जनवरी से 12 फरवरी 2025 तक चेन्नई के पास कट्टुपल्ली बंदरगाह पर स्थित एलएंडटी शिपबिल्डिंग केंद्र में ले जाया गया था। परीक्षणों का उद्देश्य कई महत्वपूर्ण मापदंडों पर मत्स्य के प्रदर्शन का मूल्यांकन करना था।
अब समुद्र में 500 मीटर की गहराई में होगा टेस्ट
नेविगेशन और संचार क्षमताओं की जांच की गई। वैज्ञानिक पेलोड, जिसमें कई समुद्र विज्ञान सेंसर शामिल थे, उनकी कार्यक्षमता की पुष्टि करने के लिए परीक्षण किए गए। बंदरगाह में पानी की गहराई सीमित होने के कारण, पानी के भीतर ध्वनि संचार कम प्रभावी था। अब समुद्र में 500 मीटर की गहराई तक उथले पानी में इसका परीक्षण किया जाएगा।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान को समुद्रयान परियोजना के तहत मत्स्य -6000 को डिजाइन और विकसित करने का कार्य सौंपा है। इसका उद्देश्य समुद्री अन्वेषण के लिए तीन लोगों को समुद्र में छह हजार मीटर की गहराई तक ले जाना है। मत्स्य-6000 की प्रमुख विशेषताओं में सभी दिशाओं में गति के लिए थ्रस्टर्स, बिजली की आपूर्ति के लिए बैटरी बैंक शामिल हैं। इसमें उन्नत नियंत्रण हार्डवेयर, साफ्टवेयर और आधुनिक अंडरवाटर नेविगेशन उपकरण भी हैं।
मिशन से ये होगा फायदा
समुद्रयान मिशन के तहत मानवयुक्त पनडुब्बी वाहन MATSYA 6000 पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, MoES को अनुमानित 1000 से 5500 मीटर के बीच गहराई पर स्थित गैस हाइड्रेट्स, पॉलिमेटेलिक मैंगनीज नोड्यूल्स, हाइड्रो-थर्मल सल्फाइड और कोबाल्ट क्रस्ट्स जैसे संसाधनों की गहरे समुद्र में खोज करने में सुविधा प्रदान करेगा।
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