सुभाष घीसिंग का निधन
गोरखालैंड आंदोलन से चर्चा में आए सुभाष घीसिंग (78) का गुरुवार की सुबह दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया। वह पिछले पांच दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, लिवर फेल हो जाने की वजह से उनकी मृत्यु हो गई।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : गोरखालैंड आंदोलन से चर्चा में आए सुभाष घीसिंग (78) का गुरुवार की सुबह दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया। वह पिछले पांच दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, लिवर फेल हो जाने की वजह से उनकी मृत्यु हो गई। उनका इलाज डॉ. अनिल अरोड़ा की टीम कर रही थी। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि कुछ महीनों पूर्व भी घीसिंग को इलाज के लिए गंगाराम अस्पताल लाया गया था और तब लंबे इलाज के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी गई थी। वह लिवर सिरोसिस बीमारी से पीडि़त थे। पृथक गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर घीसिंग ने सन 1980 में गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट की स्थापना की और पश्चिम बंगाल के गोरखा बहुल दार्जिलिंग इलाके में आंदोलन चलाया। सन 86 से 88 के बीच आंदोलन हिंसक हो गया। इसके चलते इलाका कई वर्षो तक अशांत रहा था। इसके बाद सरकार से समझौता होने पर उन्हें अधिकार प्राप्त पर्वतीय काउंसिल का चेयरमैन बनाया गया। घीसिंग 1988 से 2008 तक इस पर्वतीय काउंसिल के चेयरमैन रहे। इस काउंसिल ने गोरखा समुदाय के विकास के लिए कई योजनाएं चलाईं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घीसिंग के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
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