Move to Jagran APP

Ram Mandir से जुड़े 500 सालों के इतिहास को अब पढ़ सकेंगे छात्र, अगले हफ्ते से करना होगा रजिस्ट्रेशन

विश्वविद्यालय के कुलपति डा. किशोर सिंह एन. चावडा ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में यह जानकारी दी और बताया कि विश्वविद्यालय के बोर्ड ने हाल में इसे मंजूरी दी है। यह कोर्स अभी गुजराती और हिंदी से शुरू किया जाएगा। लेकिन जल्द ही इसे मांग के आधार पर दूसरी भाषाओं में भी शुरू किया जाएगा। इस कोर्स की फीस भी 11 रुपए रखी गई है।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Published: Mon, 22 Jan 2024 11:16 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jan 2024 11:16 PM (IST)
Ram Mandir से जुड़े 500 सालों के इतिहास को अब पढ़ सकेंगे छात्र

अरविंद पांडेय। नई दिल्ली। अयोध्या में श्री राम मंदिर के निर्माण को लेकर जहां एक ओर देश भर में उल्लास का माहौल है, वहीं गुजरात के सूरत स्थित वीर नर्मद साउथ गुजरात विश्वविद्यालय ने मौजूदा और भावी पीढ़ी को श्री राम मंदिर से जुड़े पांच सौ सालों के इतिहास को भी पढ़ाने की तैयारी की है। विश्वविद्यालय ने इसे लेकर तीस घंटे का एक सर्टिफिकेट कोर्स तैयार किया है, जो अगले हफ्ते से शुरू होगा। खासबात यह है कि इस कोर्स में दाखिले लेने के लिए कोई न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता नहीं होगी बल्कि इनमें 12 साल से अधिक उम्र का कोई भी इनमें दाखिला ले सकेगा।

loksabha election banner

कोर्स अभी गुजराती और हिंदी से शुरू होगा

विश्वविद्यालय के कुलपति डा. किशोर सिंह एन. चावडा ने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में यह जानकारी दी और बताया कि विश्वविद्यालय के बोर्ड ने हाल में इसे मंजूरी दी है। यह कोर्स अभी गुजराती और हिंदी से शुरू किया जाएगा। लेकिन जल्द ही इसे मांग के आधार पर दूसरी भाषाओं में भी शुरू किया जाएगा। इस कोर्स की फीस भी 11 रुपए रखी गई है।

सर्टिफिकेट कोर्स से होगी शुरुआत

डॉ. चावडा के मुताबिक इस कोर्स को करने वालों को विश्वविद्यालय एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा, वहीं रेगुलर कोर्स के साथ करने वाले छात्रों को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत दो क्रेडिट अंक दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस कोर्स में श्री राम मंदिर को लेकर अब तक चलाए आंदोलन की जानकारी दी जाएगी।

इतिहास और संघर्ष से परिचित होंगे छात्र

इस दौरान श्री राम मंदिर का इतिहास, अयोध्या के ऐतिहासिक महत्व, राम मंदिर पर आक्रमण, उसे ध्वस्त करने और इसके लिए 1528 से 1856 तक चले संघर्ष, राम मंदिर को लेकर जागरूकता अभियान, निचली अदालत, हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चली लंबी न्यायिक लड़ाई, सुप्रीम कोर्ट का फैसला और मंदिर निर्माण से जुड़ी विषयों को अध्ययन सामग्री में शामिल किया गया है। विश्वविद्यालय के कुलपति डा चावड़ा के मुताबिक देश में मौजूदा समय में बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी है, खासकर नई पीढ़ी जो श्री राम मंदिर से जुड़े इतिहास और संघर्ष से परिचित नहीं है। हम चाहते है कि इस कोर्स के जरिए वह इससे परिचित हो सके।

यह भी पढ़ें: Ram Mandir: रामलला की आरती में आप भी हो सकते हैं शामिल, फ्री पास के लिए यहां से करें आवेदन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.