Rajasthan News: झालावाड़ के बाद जैसलमेर और उदयपुर में हुआ स्कूल हादसा, एक बच्चे की मौत; बाल-बाल बचे 45 छात्र
जैसलमेर में सरकारी स्कूल का गेट गिरने से एक छात्र की मौत हो गई और शिक्षक घायल हो गए। परिजनों ने जर्जर गेट को लेकर नाराजगी जताई है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने दुख जताया है। यह हादसा झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद हुआ है जहां बिल्डिंग का हिस्सा गिरने से बच्चों की मौत हो गई थी।

जेएनएन, जोधपुर। झालावाड़ स्कूल हादसे का घटना से लोग उबरे ही नहीं है वहीं राजस्थान के जैसलमेर में स्कूल गेट गिरने से एक छात्र की मौत हो गई और एक शिक्षक के सिर और पैर में गंभीर चोटें आई है।
शिक्षक को जवाहर हॉस्पिटल रेफर किया गया है। घटना की जानकारी मिलने पर प्रशासनिक अमला भी मौके पर पहुंचा है वहीं प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने घटना पर दुख जाहिर करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
कैसे हुई घटना?
जैसलमेर में पूनम नगर के सरकारी स्कूल का गेट गिरने से एक छात्र की मौत हो गई। घटना दोपहर 1:00 बजे की बताई जा रही है जब विद्यालय की छुट्टी हुई थी और सभी लोग घर के लिए निकल रहे थे, इसी दौरान स्कूल का मैन गेट और पत्थर गिर गए।
हादसे में पहली कक्षा के छात्र अरबाज खान (9) की मौत हो गई घटना को लेकर ग्रामीणों और परिजनों में नाराजगी जताई और बच्चे के शव को लेकर स्कूल के बाहर धरने पर बैठ गए।
परिजनों ने क्या आरोप लगाया
परिजनों का आरोप है कि स्कूल का मेन गेट काफी समय से जर्जर हालत में था, फिर इसे ठीक क्यों नहीं करवाया गया। पुलिस के आला अधिकारी, विधायक, स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे हैं।
आपको बता दें कि 4 दिन पहले ही राजस्थान के झालावाड़ में एक सरकारी स्कूल की बिल्डिंग का हिस्सा गिरने से 7 बच्चों की मौत हो गई थी। वही नागौर में भी एक विद्यालय की छत गिरी थी। अब जैसलमेर मैया हादसा सामना आया है, जहां विद्यार्थी की मौत हो गई है।
उदयपुर में भी हुई घटना
दूसरी तरफ सोमवार को उदयपुर जिले के वल्लभनगर ब्लॉक स्थित नया राजपुरा के सरकारी स्कूल में तीन कमरों की छत का प्लास्टर अचानक गिर गया। उस वक्त इन कमरों में 45 छात्र पढ़ाई कर रहे थे। गनीमत रही कि कोई हताहत नहीं हुआ। कुल 77 नामांकित छात्रों में से सोमवार को 64 बच्चे उपस्थित थे।
घटना के बाद ग्रामीणों और अभिभावकों ने स्कूल में ताला जड़ दिया और चेतावनी दी कि जब तक छत की मरम्मत नहीं होती, वे बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए वरना भविष्य में होने वाली किसी भी अनहोनी के लिए जिम्मेदार प्रशासन होगा।
की गई वैकल्पिक व्यवस्था
पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी भागीरथ मेघवाल ने बताया कि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। एक सुरक्षित कमरे और प्रार्थना स्थल पर लोहे की चद्दर की छत के नीचे कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। मरम्मत कार्य जल्द शुरू किया जाएगा।
यह घटना ऐसे समय हुई जब बीते दो दिन में उदयपुर के तीन सरकारी स्कूलों में दीवारें गिरने और प्लास्टर झड़ने की घटनाएं सामने आई हैं। रविवार को ऋषभदेव के पंड्या वाड़ा स्कूल और वल्लभनगर के रूपावली गांव के स्कूल में भी ऐसी ही घटनाएं हुईं, जिससे अभिभावकों में गहरी चिंता है। ग्रामीणों ने पंचायत भवन में कक्षा 1 से 8 तक की कक्षाएं संचालित करने और 9 से 12 तक की सुरक्षित कक्षाओं में पढ़ाई कराने का निर्णय लिया है।
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