जेईई मेन और नीट को लेकर खींचतान बढ़ी, एक-दो दिनों में और साफ हो सकती है स्थिति
कोरोना काल में परीक्षाओं को लेकर यह असमंजस अकेले जेईई मेन और राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) को लेकर नहीं है बल्कि अंतिम वर्ष सहित और दूसरी परीक्षाओं से भी जुड़ा है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट ने भले ही जेईई मेन और नीट का रास्ता साफ कर दिया है, लेकिन छात्रों व राजनीतिक दलों के बढ़ते विरोध और दबाव को देखते हुए अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा सकता है। हालांकि, शिक्षा मंत्रालय अभी भी इस रुख पर कायम है कि परीक्षाएं तय समय पर ही कराई जाएंगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान किया जाएगा।
कोरोना संक्रमण के मद्देनजर हो रहा है परीक्षाओं का विरोध
इंजीनियरिंग और मेडिकल में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली इन परीक्षाओं का विरोध कोरोना संक्रमण के मद्देनजर किया जा रहा है। कोरोना संकटकाल में परीक्षाओं को लेकर यह असमंजस अकेले संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मेन और राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) को लेकर नहीं है, बल्कि विश्वविद्यालय के अंतिम वर्ष सहित और दूसरी परीक्षाओं से भी जुड़ा है। वैसे तो इन परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग पिछले कई महीनों से उठ रही है, लेकिन सरकार का मानना है कि शैक्षणिक गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए इनका आयोजन जरूरी है। हालांकि, एक-दो दिन में स्थिति और साफ हो सकती है।
राजनीतिक मुद्दा बनने से सरकार भी असहज
महाराष्ट्र, ओडिशा और दिल्ली के बाद बंगाल की तरफ से परीक्षाओं को लेकर आपत्ति दर्ज कराए जाने के बाद पूरे मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पिछले दिनों छात्रों की सुरक्षा का हवाला देते हुए परीक्षाएं स्थगित करने की मांग की थी। भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी भी छात्रों की परीक्षा स्थगित करने की मांग का समर्थन कर चुके हैं। मंगलवार को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ने पीएम मोदी और शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' को पत्र लिखकर परीक्षाएं स्थगित करने की मांग की है। उन्होंने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का सुझाव भी दिया है।
परीक्षा को लेकर पुख्ता तैयारी
गौरतलब है कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद परीक्षा को लेकर पुख्ता तैयारी कर रखी है। इसे लेकर एक गाइडलाइन भी जारी की गई है। इसमें छात्रों के लिए मास्क और ग्लव्स अनिवार्य किए गए हैं। परीक्षा के पहले और बाद में सेंटर को सैनिटाइज करने के लिए भी कहा गया है। मौजूदा योजना के तहत जेईई मेन एक से छह सिंतबर को होगी, जिसके प्रवेश पत्र भी जारी कर दिए गए हैं। नीट 13 सितंबर को होगी। यूजीसी ने भी सभी विश्वविद्यालयों से अंतिम वर्ष की परीक्षा 30 सितंबर तक कराने को कहा है।
बढ़ाए गए जेईई के 90 व नीट के 1,297 परीक्षा केंद्र
एनटीए ने मंगलवार को बताया कि जेईई मेन व नीट (यूजी) के परीक्षा केंद्रों में इजाफा किया गया है। जेईई मेन के परीक्षा केंद्रों की संख्या 570 से बढ़ाकर 660, जबकि नीट के परीक्षा केंद्रों की संख्या 2,546 से बढ़ाकर 3,843 कर दी गई हैं। इसके अलावा जेईई मेन के शिफ्टों की संख्या भी आठ से बढ़ाकर 12 कर दी गई है। जेईई मेन के अभ्यर्थियों को जहां एक सीट छोड़कर बैठाने की व्यवस्था की गई है, वहीं नीट के दौरान एक कमरे में 24 की बजाय 12 छात्रों को बैठाने के इंतजाम किए गए हैं।
ग्रेटा थनबर्ग ने भी की नीट व जेईई स्थगित करने की वकालत
लंदन, प्रेट्र। जलवायु परिवर्तन को लेकर अभियान चलाने वाली स्वीडन निवासी ग्रेटा थनबर्ग ने भी भारत में प्रस्तावित नीट व जेईई मेन को स्थगित करने की वकालत की है। एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में छात्रों को परीक्षा देने के लिए कहना अनुचित होगा। जलवायु परिवर्तन के लिए आंदोलन करने वाली 17 वर्षीय थनबर्ग वैश्विक आवाज बन चुकी हैं। टाइम मैग्जीन ने उन्हें वर्ष 2019 के पर्सन ऑफ द ईयर के लिए नामित किया था।