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ब्रेन स्ट्रोक में फट जाती है रक्त वाहिकाएं, समय रहते करें इसका कारगर इलाज

अगर स्ट्रोक के संदर्भ में कुछ सजगताएं बरती जाएं, तो इस रोग को नियंत्रित किया जा सकता है। यही नहीं,समय रहते इसका कारगर इलाज भी संभव है...

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 29 Oct 2018 01:04 PM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 01:14 PM (IST)
ब्रेन स्ट्रोक में फट जाती है रक्त वाहिकाएं, समय रहते करें इसका कारगर इलाज

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। ब्रेन स्ट्रोक मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति में बाधा आने के कारण होता है। यह आमतौर पर तब होता है, जब रक्त वाहिका (ब्लड वेसेल्स) फट जाती है या किसी थक्के(क्लॉट्स) के कारण अवरुद्ध हो जाती है। इससे मस्तिष्क को ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति में कमी आ जाती है, जिससे मस्तिष्क के टिश्यूज को नुकसान पहुंचता है। जब मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिकाएं मृत हो जाती हैं, तब शरीर के विभिन्न हिस्सों को नियंत्रित करने की उनकी कार्यप्रणाली को नुकसान पहुंचता है।

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बहरहाल, कुछ सजगताएं बरतकर स्ट्रोक का खतरा कम हो सकता है। स्ट्रोक या ब्रेन अटैक एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन इससे निराश होने की जरूरत नहीं है। अगर स्ट्रोक के संदर्भ में कुछ सजगताएं बरती जाएं, तो इस रोग को नियंत्रित किया जा सकता है। यही नहीं,समय रहते इसका कारगर इलाज भी संभव है...

ऐसे पहचानें

  • किसी ज्ञात कारण के बगैर अचानक तेज सिरदर्द होना।
  • चेहरे, हाथों या पैरों में अचानक सुन्नपन या कमजोरी
  • महसूस होना (विशेष रूप से शरीर के एक तरफ)।
  • अचानक भ्रम होने लगना। बोलने में परेशानी होना।
  • एक या दोनों आंखों से देखने में अचानक दिक्कत होना।
  • चलने में अचानक परेशानी होना।
  • चक्कर आना और शारीरिक संतुलन में दिक्कत।

स्ट्रोक के प्रकार
लगभग 85 प्रतिशत स्ट्रोक इस्कीमिक स्ट्रोक होते हैं। शेष 15 प्रतिशत स्ट्रोक ब्रेन हेमरेज के कारण होते हैं। ब्रेन हेमरेज का एक प्रमुख कारण हाई ब्लडप्रेशर है।

इस्कीमिक स्ट्रोक
यह तब होता है, जब मस्तिष्क की धमनियां संकुचित या अवरुद्ध हो जाती हैं। इस कारण मस्तिष्क में रक्त प्रवाह में गंभीर रूप से कमी आ जाती है।

इलाज
इस्कीमिक स्ट्रोक का इलाज करने के लिए रोगी को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। रोगी के अस्पताल आने के एक घंटे के अंदर उसे क्लॉट को दूर करने वाली दवाएं दी जाती हैं।

हेमोरेजिक स्ट्रोक
यह तब होता है, जब मस्तिष्क की रक्तवाहिनियां (ब्लड वेसेल्स) रिसने लगती है या फट जाती हैं। हेमोरेजिक स्ट्रोक मस्तिष्क के एन्युरिज्म के फटने या कमजोर रक्त वाहिनी के रिसने के कारण होता है। रक्त मस्तिष्क में या इसके चारों ओर फैल जाता है और मस्तिष्क में सूजन और दबाव पैदा करता है। यह स्ट्रोक मस्तिष्क की कोशिकाओं और टिश्यूज को हानि पहुंचाता है।

इलाज
हेमोरेजिक स्ट्रोक को रोकने या मस्तिष्क में रक्तस्राव को रोकने के लिए सर्जरी की जाती है।

क्या है एन्युरिज्म
एन्युरिज्म मस्तिष्क की खतरनाक बीमारी है, जिसमें रक्त की नली में गुब्बारे जैसी संरचना बन जाती है। एन्युरिज्म का पता दिमाग में स्ट्रोक होने के बाद ही चलता है। यह एक गंभीर चिकित्सकीय स्थिति है। इनके फटने पर मस्तिष्क में क्षति हो सकती है और ये मृत्यु का कारण बन सकते हैं।

जांचें
सीटी स्कैन, एमआरआई और सेरेब्रल एंजियोग्राम नामक जांचें कराई जाती हैं।

एन्युरिज्म का उपचार
इस समस्या का इलाज मस्तिष्क में क्लिपिंग और क्वाइलिंग की प्रक्रियाओं से होता है। क्लिपिंग के अंतर्गत न्यूरो सर्जन के द्वारा पारंपरिक रूप से की जाने वाली ‘ओपन क्लिपिंग’ में स्कल या खोपड़ी को खोलकर एन्युरिज्म में क्लिप लगा दिया जाता है, यह क्लिप एन्युरिज्म में रक्त प्रवाह को रोकता है, जो इसे फटने से रोकता है।

क्वाइलिंग
इसके तहत एक कैथेटर के माध्यम से एन्युरिज्म में प्लेटिनम क्वॉयल को खोपड़ी खोले बगैर रखा जाता है।

फ्लो डायवर्टर्स
यह एन्युरिज्म के उपचार का उपलब्ध सबसे नवीनतम उपाय है। ऐसे डिवाइस स्टेंट के समान होते हैं, लेकिन इन्हें अधिक मजबूती से तैयार किया जाता है और इस तरह इनके मेश (तार से निर्मित एक जाली) के छेद पारंपरिक स्टेंट की तुलना में अधिक छोटे होते हैं। इनकी संरचना इस प्रकार की होती है कि ये एन्युरिज्म के गुब्बारे में रक्त प्रवाह को जाने नहीं देते। परिणामस्वरूप एन्युरिज्म स्वयं खत्म हो जाता है।

‘फास्ट’ का आशय समझें
अगर आप स्ट्रोक के किसी संकेत या लक्षण को महसूस कर रहे हैं, तो समय गंवाए बगैर आप के अलावा परिजनों या प्रियजनों को एफएएसटी (फास्ट) के बारे में सोचना चाहिए और फिर कार्य करना चाहिए। ‘एफएएसटी’ का आशय है...

एफ - फेस (चेहरा): व्यक्ति को मुस्कराने के लिए कहें। क्या उसके चेहरे का एक हिस्सा लटक रहा है।
ए - आर्म (बांह) : व्यक्ति को दोनों बांहों को उठाने को कहें। क्या एक हाथ गिर जा रहा है। क्या व्यक्ति हाथों को ऊपर उठाने में असमर्थ है।
एस - स्पीच (बोलना):व्यक्ति को कोई एक साधारण वाक्य को दोहराने के लिए कहें। क्या उसकी आवाज में लड़खड़ाहट है या वह अजीब तरीके से बोलता है।
टी - टाइम (समय): अगर आपको इनमें से कोई लक्षण प्रकट हों, तो तुरंत ऐसे अस्पताल में संपर्क करें, जहां पर न्यूरोलॉजिस्ट व न्यूरो सर्जन उपलब्ध हों।

[डॉ. पुष्पेंदर सचदेवा
सीनियर न्यूरो सर्जन, दिल्ली] 


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