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    'फर्जी दस्तावेज से भारत में प्रवेश पर होगी कड़ी कार्रवाई', लोकसभा में पेश हुआ इमिग्रेशन बिल, विपक्ष ने किया विरोध

    Immigration Bill भारत में आने और जाने वालों को नियमों के दायरे में बांधने के लिए लोकसभा में पेश इमिग्रेशन बिल पेश हुआ है। आव्रजन तथा विदेशियों विषयक बिल 2025 मंगलवार को संसद में पेश किया गया। इस बिल को लेकर सरकार ने कहा विदेशियों का भारत में स्वागत है पर शांति तथा संप्रभुता बरकरार सुनिश्चित करना अपरिहार्य है। इस बिल का विपक्ष ने विरोध किया।

    By Jagran News Edited By: Deepak Vyas Updated: Tue, 11 Mar 2025 08:05 PM (IST)
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    आव्रजन तथा विदेशियों विषयक बिल 2025 मंगलवार को संसद में पेश किया गया।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार ने विपक्ष के एतराजों के बीच मंगलवार को आव्रजन और विदेशियों विषयक अधिनियम विधेयक 2025 लोकसभा में पेश कर दिया। इस विधेयक के जरिए सरकार आव्रजन और विदेशियों से संबंधित विभिन्न सेवाओं को सुव्यवस्थित करने के साथ देश में उनके प्रवेश, निकास और ठहरने की व्यवस्था से जुड़े नियमों का कठोरता से पालन कराना सुनिश्चित करेगी।

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    विपक्षी दलों ने विधेयक का यह कहते हुए विरोध किया कि वर्तमान सरकार असहमति के स्वरों और विचारों को बर्दाश्त नहीं करती इसलिए ऐसे लोगों के आने और जाने को रोकने के लिए यह बिल लेकर आई है। विधेयक में कई विधायी खामियां बताते हुए विपक्ष ने इसे संसदीय समिति को भेजे जाने की मांग भी की।

    गृह राज्यमंत्री ने विपक्ष की आशंकाओं को किया खारिज

    वहीं विधेयक पेश करते हुए गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने विपक्ष की आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के पास इस विषय पर कानून लाने के लिए संघ सूची के तहत सभी अधिकार हैं। गृह राज्यमंत्री ने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाना, आव्रजन प्रक्रियाओं को नियंत्रित करना और प्रवेश तथा ठहरने की शर्तों का उल्लंघन करने वाले विदेशियों पर सख्त दंड लगाना है।

    'पर्यटकों का स्वागत, पर शांति और संप्रभुता कायम रहे'

    उन्होंने कहा कि पर्यटकों का भारत में स्वागत है पर यह सुनिश्चित करना भी सरकार की जिम्मेदारी है कि देश की शांति और संप्रभुता कायम रहे। विधेयक के मसौदे में साफ कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता या राष्ट्र की अखंडता के लिए खतरा पैदा करने वाले किसी भी विदेशी को भारत में प्रवेश या रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

    विदेशियों के लिए पंजीकरण अनिवार्य

    इसमें प्रवाधान किया गया है कि भारत आने पर विदेशियों के लिए पंजीकरण अनिवार्य होगा। साथ ही उनकी आवाजाही, नाम परिवर्तन और संरक्षित तथा प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश रोक रहेगा। शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों और नर्सिंग होम को अपने यहां पढ़ने या इलाज कराने आने वाले विदेशी नागरिकों की सूचना आव्रजन अधिकारियों को देनी होगी।

    नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माने का प्रावधान

    नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना का प्रावधान किया गया है जिसमें बिना वैध पासपोर्ट या वीजा भारत आने पर पांच साल तक की सजा और पांच लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करने वाले विदेशियों को दो से सात साल की जेल की और एक से लेकर 10 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।

    अवैध प्रवेश पर तीन साल की जेल, 3 लाख का जुर्माना

    वहीं वीजा शर्तों का उल्लंघन करने या प्रतिबंधित क्षेत्रों में अवैध प्रवेश करने वालों विदेशियों को तीन साल की जेल तथा तीन लाख रुपए आर्थिक दंड भरना पड़ेगा। वैध दस्तावेजों के बगैर विदेशियों की भारत यात्रा कराने के लिए ट्रेवल एजेंटों को भी विधेयक के जरिए उत्तरदायी बनाते हुए ऐसा करने वालों को दंडि़त किया जाएगा तथा पांच लाख रुपए तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है।

    आव्रजन अधिकारियों को विशेष अधिकार

    • इसके साथ ही किसी विदेशी को भारत में प्रवेश की इजाजत नहीं दी जाती है तो उसे तत्काल वापस बाहर निकाल भेजने की जिम्मेदारी भी ट्रेवल एजेंसी की होगी। विधेयक में आव्रजन अधिकारियों को बिना वारंट के व्यक्तियों को गिरफ्तार करने का अधिकार भी देता है जिसके जरिए केंद्र सरकार विदेशियों की भारत में आवाजाही को नियंत्रित कर सकती है।
    • बिल में किसी व्यक्ति को देश छोड़ने से रोकने का भी प्रावधान है। ऐसा किसी जांच या प्रवर्तन एजेंसी द्वारा व्यक्ति की उपस्थिति की जरूरत को देखते हुए किया जा सकता है। भारत में विदेशियों का प्रवेश, रहना और बाहर निकलना वर्तमान में विदेशी पंजीकरण अधिनियम 1939 तथा विदेशी अधिनियम 1946 द्वारा शासित हैं।

    विधेयक का विपक्ष ने किया विरोध, क्या बोले सांसद मनीष तिवारी?

    • विपक्ष ने इस विधेयक के सख्त प्रावधानों की चर्चा करते हुए इसे लोकसभा में पेश किए जाने का विरोध किया। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि यह विधेयक संविधान के कई प्रावधानों और विभिन्न कानूनों का उल्लंघन करता है। इसमें सबसे अहम संविधान प्रदत्त व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है।
    • तिवारी ने कहा कि सरकार प्रस्तावित कानून के प्रावधानों का उपयोग उन लोगों को प्रवेश से वंचित करने के लिए कर सकती है जो वर्तमान सत्तारूढ़ व्यवस्था की विचारधारा के साथ तालमेल नहीं रखते हैं।

    टीएमसी के सांसद सौगत रॉय ने कही ये बात

    कांग्रेस सांसद ने विधायी कसौटी पर विधेयक के खरा नहीं उतरने की बात उठाते हुए इसे संसदीय समिति के पास भेजे जाने की वकालत भी की। तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने भी तिवारी की चिंताओं से सहमति जताते हुए कहा कि प्रस्तावित कानून विभिन्न क्षेत्रों में बाहर से आने वाली प्रतिभाओं को रोक सकता है।