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    CNG को लेकर मोदी सरकार का मास्टर प्लान तैयार, PNG के लिए बनाई ये रणनीति; जानिए किसे मिलेगा फायदा

    Updated: Tue, 25 Mar 2025 10:00 PM (IST)

    बड़े शहरों से दूर रहने वालों को भी CNG और PNG देने की दिशा में सरकार कदम आगे बढ़ा रही है। सरकार की मुहिम आने वाले दिनों में और तेज होने वाली है। इस योजना के तहत देश के ज्यादातर रसोई को पीएनजी से जोड़ने की तैयारी है। सरकार ने संसद में बताया कि सीएनजी स्टेशनों की संख्या 7525 से बढ़ा कर 18336 की जाएगी।

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    पीएनजी कनेक्शनों की संख्या मौजूदा 1.4 करोड़ से बढ़ा कर 12 करोड़ किया जाएगा।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पूरे देश खास तौर पर दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को साफ-स्वच्छ ईंधन देने की सरकार की मुहिम आने वाले दिनों में और तेज होने वाली है। यह मुहिम है देश के ज्यादातर रसोई को पाइपलाइन वाली नेचुरल गैस (पीएनजी) से जोड़ने की और देश के अधिकांश इलाके में सीएनजी चालित वाहनों के लिए उपयुक्त ईंधन उपलब्ध कराने की। अभी देश के सिर्फ 1.4 करोड़ घरों को ही पीएनजी से जोड़ा गया है।

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    पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने वर्ष 2030 तक 12 करोड़ घरों को पीएनजी से जोड़ने की रणनीति बनाई है। कोशिश यह होगी कि वर्ष 2035 तक कम से कम 15 करोड़ घरों में एलपीजी सिलेंडर लाने या उन्हें रिफिल करने की झंझट खत्म हो जाए। इसका एक बड़ा हिस्सा दूसरी व तीसरी श्रेणी के शहरों या इन शहरों के आस-पास स्थित ग्रामीण इलाके भी लाभान्वित होंगे।

    कब तक शहर के बाहर तक मिल सकेगा पीएनजी कनेक्शन

    पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि वर्ष 2027-28 से महानगरों व बड़े शहरों से बाहर पीएनजी कनेक्शन देने का काम बहुत ही तेजी से विस्तार होगा। दूसरी तरफ, सीएनजी को लेकर सरकार की यह योजना है कि वर्ष 2034 तक सीएनजी स्टेशनों की संख्या मौजूदा 7,525 से बढ़ा कर 18,336 की जाए। उक्त जानकारी पिछले हफ्ते पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा में दी है।

    साथ ही पेट्रोलियम व नेचुरल गैस विनियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) की तरफ से गठित उच्चस्तरीय समिति की 21 फरवरी, 2025 को जारी एक रिपोर्ट में भी दी गई है। उक्त समिति ने देश के प्राकृतिक गैस सेक्टर में ढांचागत सुविधाओं का विस्तार करने, देश में प्राकृतिक गैस के उपभोग को बढ़ाने और इस क्षेत्र में देशी-निवेश बढ़ाने के लिए पीएनजीआरबी नियम, 2008 में कई तरह से संशोधन के भी सुझाव दिए हैं।

    समिति की रिपोर्ट में मिले कई संकेत

    • सरकार के जवाब और उक्त समिति की रिपोर्ट से यह भी संकेत मिलता है कि देश में सीएनजी व पीएनजी के विस्तार की अभी तक की जो रफ्तार है उसमें काफी तेजी लानी होगी। अगर पीएनजी की बात करें तो एक दशक से भी ज्यादा समय में अभी डेढ़ करोड़ घरों में भी इसकी पहुंच नहीं हो पाई है। पीएनजीआरबी ने देश को 307 भौगोलिक हिस्सों में बांटा है जहां प्राकृतिक गैस नेटवर्क का विस्तार किया जाना है।
    • पेट्रोलियम मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश की 70 फीसदी आबादी को प्राकृतिक गैस की सुविधा देने के लिए 407 जिलों में गैस नेटवर्क लगाना होगा। इसके लिए कुल 1.20 लाख करोड़ रुपये निवेश करने की जरूरत होगी।
    • पीएम नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2030 तक देश की इकोनमी में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी मौजूदा 6-7 फीसद से बढ़ा कर वर्ष 2030 तक 15 फीसद करने का लक्ष्य रखा है। इसे तभी हासिल किया जा सकेगा कि जब देश के दूर-दराज के इलाकों में तेजी से सीएनजी व पीएनजी पाइपलाइन का नेटवर्क पहुंऐ।
    • सरकारी डाटा के मुताबिक पीएनजीआरबी ने उक्त लक्ष्य के लिए देश में 33,475 किलोमीटर लंबे नेटवर्क लगाने का ठेका दिया है। इसमें से 24,945 किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है और शेष हिस्से पर काम जारी है। एक बार काम पूरा हो जाने के बाद तेजी से कनेक्शन दिए जा सकेंगे।

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