केंद्र से मिले फंड को लेकर मनमानी नहीं कर सकेंगे राज्य, एसएनए-स्पर्श नाम से नई हस्तांतरण व्यवस्था लागू
केंद्रीय योजनाओं के लिए प्राप्त राशि या राज्य के लिए आवंटित विशेष फंड के इस्तेमाल में कुछ राज्य सरकारों के स्तर पर हो रही गड़बड़ी को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने नई व्यवस्था लागू कर दी है। 13 अगस्त 2023 को वित्त मंत्रालय ने एसएनए-स्पर्श(समयोजित प्रणाली एकीकृत शीघ्र हस्तांतरण) नाम से लागू इस नई व्यवस्था के तहत राज्यों के फंड प्रवाह पर अब ज्यादा सतर्क नजर केंद्र रख सकेगी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय योजनाओं के लिए प्राप्त राशि या राज्य के लिए आवंटित विशेष फंड के इस्तेमाल में कुछ राज्य सरकारों के स्तर पर हो रही गड़बड़ी को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने नई व्यवस्था लागू कर दी है। 13 अगस्त, 2023 को वित्त मंत्रालय ने एसएनए-स्पर्श (समयोजित प्रणाली एकीकृत शीघ्र हस्तांतरण) नाम से लागू इस नई व्यवस्था के तहत राज्यों के फंड प्रवाह पर अब ज्यादा सतर्क नजर केंद्र रख सकेगी।
केंद्र सरकार के विभागों की भूमिका होगी प्रभावशाली
इस नई व्यवस्था मे केंद्र सरकार के विभागों की भूमिका भी ज्यादा प्रभावशाली होगी और उन्हें ज्यादा जिम्मेदारी निभानी होगी। इस नई व्यवस्था से केंद्र राज्यों के वित्त प्रबंधन पर इस हिसाब से नजर रख सकेगा कि कहीं किसी खास उद्देश्य से भेजे गये फंड का इस्तेमाल चुनावी वादों को पूरा करने के लिए तो नहीं किया जा रहा।
वित्त मंत्रालय को दी गई है गड़बड़ियों की सूचना
हाल ही में वित्त मंत्रालय को फंड इस्तेमाल में राज्यों की तरफ से की जा रही गड़बड़ियों की सूचना दी गई है। एसएनए-स्पर्श व्यवस्था के तहत केंद्र सरकार के मंत्रालय या विभाग को भी आरबीआइ में एक विशेष खाता (एसएनए) खोलना होगा जिसके जरिए फंड का वितरण किया जाएगा। राज्य सरकार अपने राज्य के लिए घोषित हर विशेष कार्यक्रम के लिए एक नोडल एजेंसी का गठन करेगी।
विशेष स्कीम के लिए एसएनए खोलेगी राज्य सरकार
राज्य सरकार की तरफ से भी आरबीआइ में अपने विशेष स्कीम के लिए एसएनए खोलेगी। इसके बाद राज्य सरकार और केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करेंगे कि उक्त खाते में दोनो के हिस्से की राशि जमा हो। इसमें जिस आधार पर फंड वितरण का फैसला हुआ हो उसी हिसाब से पैसे जमा किया जाए। बाद में यह देखा जाएगा कि इस फंड का कितना इस्तेमाल हो रहा है।
खाते में आएगा केंद्र का भी हिस्सा
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि जो फंड इस्तेमाल ना हुआ हो उसे भारत सरकार के फंड में ट्रांसफर करने की व्यवस्था की जाए। राज्य सरकार के खाते में केंद्र सरकार की तरफ से दी गई राशि का जो हिस्सा इस्तेमाल न हुआ हो उसे भी वापस करने का निर्देश दिया गया है। इस बारे में अलग से भी विस्तृत दिशानिर्देश जारी करने की बात कही गई है। जिन दिन राज्य सरकार अपने हिस्से का फंड संबंधित खाते में डालेगी, केंद्र का हिस्सा भी उसी दिन ही जाएगा।
राज्य उपलब्ध कराएंगे राशि के आवंटन की भी सारी जानकारी
दोनो की तरफ से फंड आने के बाद आरबीआइ की तरफ से संबंधित लाभार्थियों को सब्सिडी वगैरह की राशि बांटी जाएगी और इसकी सूचना राज्य के साथ ही केंद्र को भी रीयल टाइमें दी जाएगी। कई राज्य केंद्र की तरफ से आवंटित राशि के अलावा कुछ स्कीमों के लिए उपर से भी राशि देती है। इस बारे में राज्य को कहा गया है कि वह उक्त राशि के आवंटन की भी सारी जानकारी उपलब्ध कराएंगे।
वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी यह निर्देश इस बारे में साफ-साफ कहता है कि अगर फंड समय पर लाभार्थियों या वेंडरों को ट्रांसफर नहीं की जाती है तो उसे संबंधित खाते में ही लौटाना होगा और उसे राज्य सरकार के किसी दूसरे खाते या पर्सनल जमा योजना खाते में नहीं डाला जा सकता।
पहले से चल रहे खातों को करना होगा बंद
केंद्र ने कहा है कि एक बार एसएनए-स्पर्श की व्यवस्था जारी होने के बाद पहले से चल रहे खातों को बंद करना होगा। एसएनए-स्पर्श के लागू होने के बाद पहले की व्यवस्था को समाप्त करने की बात कही गई है।
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