Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    केंद्र के कौशल विकास मिशन में मजबूत हुई राज्यों की कदमताल, अब सुधार की आस

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 10:57 PM (IST)

    उद्योग जगत हो या दुनिया भर के विशेषज्ञ सभी का मानना है कि जिस तरह से रोजगार का बाजार तेजी से बदल रहा है उसे देखते हुए युवाओं को रोजगार-स्वरोजगार के योग्य बनाने के लिए उनका कौशल विकास करना होगा। कौशल के महत्व को पहले से ही समझ रही मोदी सरकार ने केंद्र की सत्ता संभालते ही अलग से कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय गठित किया।

    Hero Image
    केंद्र के कौशल विकास मिशन में मजबूत हुई राज्यों की कदमताल (सांकेतिक तस्वीर)

     जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। उद्योग जगत हो या दुनिया भर के विशेषज्ञ, सभी का मानना है कि जिस तरह से रोजगार का बाजार तेजी से बदल रहा है, उसे देखते हुए युवाओं को रोजगार-स्वरोजगार के योग्य बनाने के लिए उनका कौशल विकास करना होगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कौशल के महत्व को पहले से ही समझ रही मोदी सरकार ने केंद्र की सत्ता संभालते ही अलग से कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय गठित किया। तमाम योजनाएं बनाईं, लेकिन आशाजनक परिणाम नहीं मिले।

    कौशल विकास के प्रयासों का धरातल पर उतना सफल न हो पाने का कारण यह भी माना जा रहा है कि राज्यों ने कई वर्षों तक इसमें रुचि ही नहीं ली। हालांकि, यह आंकड़े अब सुधार की आहट जरूर सुनाते हैं कि वर्ष 2018-19 की तुलना में वर्ष 2024-25 में राज्यों की भागीदारी में 79 प्रतिशत की वृद्ध सामने आई है।

    वर्ष 2014-15 से कौशल विकास को मिशन बनाकर केंद्र सरकार ने संचालित किया, लेकिन फिर आवश्यकता महसूस की गई कि कौशल विकास योजनाओं का विकेंद्रीकरण किया जाए। उद्योग विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि स्थानीय उद्योगों और इकोनॉमिक मॉडल की आवश्यकता के अनुरूप राज्य और जिला स्तर पर कौशल विकास योजनाएं बनाई जानी चाहिए।

    इससे सहमत केंद्र सरकार ने 18 जनवरी, 2018 को विश्व बैंक की वित्तीय सहायता से आजीविका संवर्धन के लिए कौशल अर्जन और ज्ञान जागरुकता (संकल्प) कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय और राज्य, दोनों स्तरों पर कौशल विकास के प्रबंधन और निगरानी को मजबूत करना था।

    इसी पहल के अंतर्गत जिला स्तर पर कौशल विकास की योजनाएं बनाने और समन्वय के लिए नोडल संस्था के रूप में जिला कौशल समितियों (डीएससी) के संचालन की रूपरेखा बनाई गई। राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन (एनएसडीएम) के तहत डीएससी का गठन सितंबर, 2018 में कर दिया गया। कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट इशारा करती है कि केंद्र सरकार के कौशल विकास के प्रयासों के प्रति अधिकतर राज्यों का किस तरह से ठंडा रुख रहा।

    रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2018-19 में जिला कौशल विकास योजनाओं की संख्या मात्र 223 थी, जो वित्त वर्ष 2024-25 में बढ़कर 746 हो गई। यह 235 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।

    इसके अलावा राज्यों की भागीदारी की बात करें तो वर्ष 2018-19 में सिर्फ 19 राज्यों में ही जिला कौशल विकास योजनाएं तैयार हो रही थीं, जबकि वर्ष 2024-25 में यह संख्या 79 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 34 हो गई है।

    मंत्रालय के अधिकारियों का मानना है कि सुधार का यह आंकड़ा दिखाता है कि अब स्थानीय आवश्यकता को देखते हुए जिला स्तर पर स्किल गैप को देखा जा रहा है और उसके अनुरूप राज्य व जिला कौशल विकास योजनाएं बन रही हैं।

    अब चूंकि केंद्र सरकार भी इस रिपोर्ट के आधार पर स्थानीय आवश्यकता को देखते हुए ही अपनी योजनाएं बनाने के लिए तैयार है तो उम्मीद की जा सकती है कि कौशल विकास मिशन का असर जमीन पर दिखाई देगा।