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    कब लॉन्च होगा स्टारलिंक? लाइसेंस के लिए भारत पहुंचे मस्क के अधिकारी, पीयूष गोयल से की मुलाकात

    Updated: Thu, 17 Apr 2025 11:42 PM (IST)

    स्टारलिंक को अभी तक भारत की तरफ से अंतिम मंजूरी नहीं दी गई है। सरकार के कई मंत्रालयों की तरफ से स्टारलिंक के प्रस्ताव का अध्ययन किया जा रहा है। स्टारलिंक ने वर्ष 2022 में पहली बार भारत में सेटेलाइट सेवा शुरू करने की इच्छा जताई थी। ट्रंप प्रशासन की टैरिफ नीति के बाद भारत आनन-फानन में स्टारलिंक के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखाने के मूड में भी नहीं है।

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    लाइसेंस देने की प्रक्रिया तेज करने की कंपनी के अधिकारियों ने की सिफारिश (फोटो: जागरण)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत में जल्द से जल्द अपनी सेटेलाइट दूरसंचार सेवा शुरू करने को इच्छुक अमेरिकी कंपनी स्टारलिंक के समक्ष भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि भारतीयों के डाटा सुरक्षा का मामला महत्वपूर्ण तथ्य है, जिसके साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता है।

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    अमेरिका के प्रसिद्ध उद्योगपति और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक के कुछ शीर्षस्थ अधिकारी भारत में है। एक दिन पहले उन्होंने वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की थी। इस बैठक में स्टारलिंक की तरफ से आग्रह किया गया था कि भारत में सेटेलाइट आधारित दूरसंचार सेवा शुरू करने के लिए उसे लाइसेंस देने की प्रक्रिया तेज की जाए।

    तीन अर्थ स्टेशन लगाने को इच्छुक है कंपनी

    दूसरी तरफ भारत ने डाटा सुरक्षा का मुद्दा सुनिश्चित करने पर जोर दिया। सरकारी सूत्रों ने बताया कि स्टारलिंक अधिकारियों ने सुरक्षा को लेकर आश्वासन दिया है और भारत में अपनी निवेश योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। स्टारलिंक की तरफ से बताया गया है कि वह भारत में अपनी सेवा की शुरुआत के लिए आरंभ में तीन अर्थ स्टेशन लगाने को इच्छुक हैं।

    उक्त सूत्रों का कहना है कि अभी कई सारे मुद्दे हैं, जिन पर स्पष्टता नहीं आई है। सरकार अभी सेटेलाइट सेवाओं का देश के दूरसंचार उद्योग पर पड़ने वाले असर की भी अपने स्तर पर अध्ययन कर रही है। भारत का दूरसंचार उद्योग का बाजार बहुत बड़ा है, जो ना सिर्फ देश की सुरक्षा से जुड़ा है बल्कि इसमें करोड़ों लोगों को प्रत्यक्ष व परोक्ष तौर पर रोजगार मिला है। ऐसे में सेटेलाइट दूरसंचार सेवाओं से किस तरह का असर हो सकता है, इसका आकलन किया जा रहा है।

    इसी तरह से विदेशी सेटेलाइट दूरसंचार सेवा कंपनी को लेकर सुरक्षा व रक्षा क्षेत्र की एजेंसियों के भी कुछ सवाल हैं, जिनका जवाब खोजा रहा है। सरकार चाहती है कि स्टारलिंक यहां दी जाने वाली सेवा के लिए पूरा ऑपरेशन स्टेशन यहीं पर स्थापित करे। ताकि घरेलू सुरक्षा एजेंसियों की नजर इस पर रहे। बताते चलें कि स्टारलिंक ने भारत की रिलायंस समूह की जियो के साथ यहां सेटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा शुरू करने का समझौता किया हुआ है।

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