भारत के कोने-कोने तक पहुंचेगा इंटरनेट, जल्द शुरू हो सकती है Starlink की सेवा; डिजिटल कनेक्टिविटी में होगा बड़ा बदलाव
डिजिटल डेस्क नई दिल्ली। भारत में स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शीघ्र ही शुरू हो सकती है। राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र के चेयरमैन डॉ. पवन गोयनका के अनुसार अधिकांश नियम और लाइसेंस संबंधी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं और अंतिम मंजूरी जल्द मिलने की उम्मीद है। स्पेसएक्स की प्रेसिडेंट ग्विन शॉटवेल ने डॉ. गोयनका से मुलाकात की और तकनीकी मुद्दों पर चर्चा की।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में इंटरनेट क्रांति का अगला बड़ा कदम जल्द ही उठाया जा सकता है, क्योंकि SpaceX की Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सेवा देश में शुरू होने के बेहद करीब है।
भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) के चेयरमैन डॉ. पवन गोयनका ने बताया कि Starlink को लेकर ज़्यादातर नियम और लाइसेंस संबंधी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं और अंतिम मंजूरी अगले कुछ दिनों में मिलने की उम्मीद है।
हाल ही में SpaceX की प्रेसिडेंट और COO ग्विन शॉटवेल की भारत यात्रा के दौरान डॉ. गोयनका से मुलाकात हुई। इस बैठक में बचे हुए तकनीकी और प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा हुई और काफी प्रगति हुई।
सेवा में अभी थोड़ा समय लगेगा
हालांकि कागज़ी प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है, डॉ. गोयनका ने साफ किया कि सेवा शुरू होने में अभी कुछ महीने लग सकते हैं। उन्होंने कहा, “अनुमति मिलने के बाद भी तकनीकी और संचालन से जुड़े कुछ कदम बाकी रहेंगे।”
भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा देने की दौड़ में Starlink के अलावा OneWeb और SES जैसी कंपनियां भी शामिल हैं। इन सभी का लक्ष्य है दूरदराज़, ग्रामीण और पहाड़ी इलाकों में तेज़ इंटरनेट पहुंचाना।
डिजिटल की दिशा में बड़ा कदम
भारत में पारंपरिक ब्रॉडबैंड अक्सर गांवों और दुर्गम क्षेत्रों तक नहीं पहुंच पाता। ऐसे में सैटेलाइट इंटरनेट एक तेज़, भरोसेमंद और स्केलेबल विकल्प बनकर उभर रहा है।
सरकार की डिजिटल समावेशन (Digital Inclusion) की नीति भी इन प्रयासों से मेल खाती है। IN-SPACe जैसे संस्थान निजी कंपनियों को भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में भागीदारी देने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
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