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    मेट्रो प्रोजेक्ट पर स्टालिन के आरोपों का केंद्रीय मंत्री ने दिया जवाब, राजनीति करने का लगाया आरोप

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 08:23 PM (IST)

    केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चेन्नई मेट्रो रेल परियोजना पर एम.के. स्टालिन के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने स्टालिन पर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि केंद्र सरकार तमिलनाडु में मेट्रो परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है। पुरी ने स्टालिन से विकास कार्यों में सहयोग करने का आग्रह किया।

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    मनोहर लाल खट्टर। (फाइल)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोयंबटूर व मदुरै मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की ओर से केंद्र पर भेदभाव करने के गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद गुरुवार को केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने जवाब दिया और मुख्यमंत्री स्टालिन पर मेट्रो नीति 2017 को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया।

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    उन्होंने कहा कि मेट्रो नीति का मकसद ही यह है कि मेट्रो रेल जैसे महंगे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट से जनता को ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचाया जाए। इन प्रोजेक्टों को खामियों के चलते खारिज किया गया है। स्टालिन के आरोपों को अगले साल राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

    उन्होंने एक्स पर स्टालिन को जवाब देते हुए लिखा कि शायद वह तीन अक्टूबर 2024 को केंद्र सरकार की ओर से मंजूर किए गए 119 किमी लंबे चेन्नई मेट्रो फेज-2 प्रोजेक्ट को भूल गए है। जिसकी लागत 63,246 करोड़ रुपए है। यह अब तक मंजूर किए गए मेट्रो प्रोजेक्टों में सबसे बड़ा है।

    उन्होंने कहा कि स्टालिन कोयंबटूर व मदुरै के जिन मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर सवाल खड़ा कर रहे है, उसमें ढेरों कमियां थी। चेन्नई मेट्रो सिस्टम की तुलना में कोयंबटूर में कम लंबे रूट के लिए ज्यादा ट्रैफिक अनुमान दिए गए थे। पहली नजर में यह गलत लगता है। इसके साथ ही उन्होंने इस प्रोजेक्ट को लेकर कई तकनीकी खामियां गिनायी।

    उन्होंने इस दौरान तमिलनाडु के अलग-अलग शहरों के लिए दस हजार एसी ई-बसें देने के मकसद से केंद्र की पीएम ई-बस सेवा का फायदा नहीं उठाने को लेकर भी उनकी आलोचना की। इस स्कीम के तहत बस के साथ डिपो इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने जैसे सुविधाओें के लिए केंद्र से वित्तीय मदद दी जाती है।

    गौरतलब है कि स्टालिन ने केंद्र पर मंदिरों के शहर मदुरै और दक्षिण भारत के मैनचेस्टर कोयंबटूर के लिए मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के प्रस्ताव को बगैर किसी कारण से खारिज करने का आरोप लगाया था। साथ ही कहा था कि सरकार बिना किसी भेदभाव के लोगों की सेवा करने के लिए होती है।