Sridevi: बाथटब डेथ नहीं है असामान्य, जानिए क्या कहते हैं ये रिपोर्ट्स
मार्च 2017 में जापान की एक पत्रिका में आई रिपोर्ट के मुताबिक, जापान में हर साल बाथरुम में 19,000 मौत होती है। ...और पढ़ें

मुंबई (जेएनएन)। श्रीदेवी की मौत ने अपने पीछे कई सारे अनसुलझे सवाल छोड़ गए हैं। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक उनकी मौत बाथटब में डूबने से हुई है। हालांकि बाथटब में डूबने से हुई मौत पर किसी को यकीन करना मुश्किल है लेकिन इस पर विस्तृत जानकारी जांच के बाद सामने आ पाएगी। लेकिन श्रीदेवी की मौत के बाद से ही बाथटब मौत हर किसी के बीच एक चर्चा का विषय बन गया है।

बाथटब डेथ-भारत में असामान्य विदेशों में सामान्य
भारत के परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो बाथटब में डूब कर मरने की घटना थोड़ी अटपटी लगती है। लेकिन इस तरह की घटना जापान और अमेरिका जैसे शहरों में सामान्य है। इन देशों के मेडिकल रिकॉर्ड्स में ऐसी घटनाएं काफी देखने को मिल जाती हैं। सामान्य बाथरुम की दुर्घटना, जैसे फिसलना या गिर जाना ये सभी आम घरेलु दुर्घटनाएं हैं जिस प्रकार भारत में की गई कुछेक अध्ययन में इस बात का पता चलता है। गुजरात के आनंद ने अपने अध्ययन के आधार पर कहा है कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं ज्यादा घरेलू दुर्घटना का शिकार होती हैं।
क्या है जापान की स्थिति
जापान में अकस्मात बाथरुम में हुई मौत की घटनाएं एक त्रासदी के तौर पर देखी जाती है। मार्च 2017 में जापान की एक पत्रिका में आई रिपोर्ट के मुताबिक, जापान में हर साल बाथरुम में 19,000 मौत होती है। एक साल पहले जापान की एक एजेंसी ने अपने रिपोर्ट में कहा था कि पिछले 10 सालों में बाथरुम में मौत होने वाली घटनाओं में 70 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। जिसमें 65 वर्ष की उम्र की 10 में से 9 महिलाओं की मौत हो जाती है। अध्ययन के मुताबिक, जापान में बाथिंग की शैली इस प्रकार है कि 41 डिग्री तापमान पर गर्म पानी का इस्तेमाल किया जाता है। जापानी बाथटब काफी गहरे भी होते हैं।
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अमेरिका के हालात
अमेरिका में 2006 में मृत्यु दर आंकड़ों की मानें तो करीब एक मौत बाथटब में, गर्म टब और स्पा के कारण होती है। इनमें से अधिकतर मौतें शराब की मात्रा और ड्रग्स की लत के कारण होते हैं। अटलांटा की रोग नियंत्रण केंद्र ने 2015 में ये रिपोर्ट जारी किया था कि घर के कमरे में किस आकार का बाथरुम कितना खतरनाक साबित हो सकता है।
इसलिए महिलाएं ज्यादा होती हैं दुर्घटना का शिकार
कहा गया कि 15 साल से उपर के दो लाख लोग हर साल बाथरुम में घायल हो जाने की वजह से अस्पताल का दौरा करते हैं। इनमें से 14 फीसदी को गंभीर रुप में अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है। जबकि अन्य दुर्घटना नहाने और शॉवरिंग के दौरान होती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाओं के शरीर के निचले हिस्से की बनावट अलग होने के कारण अधिकतर इस तरह की दुर्घटनाएं महिलाओं के साथ देखा जाता है। भारत में, इस तरह की दुर्घटनाओं पर शोध और रिपोर्ट बहुत ही कम है।

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