कहीं सोमालिया जैसे देशों में न होने लगे भारत के इस पड़ोसी देश की भी गिनती, भारत के लिए बढ़ जाएगी मुश्किलें
श्रीलंका की बदहाल होती स्थिति में सरकार के समक्ष विकल्प भी बेहद कम ही बचे हैं। ऐसे में देश में अराजकता फैलने और स्थिति के और अधिक खराब की पूरी आशंका है। यदि ऐसा हुआ तो भारत के लिए समस्या बढ़ जाएगी।
नई दिल्ली (आनलाइन डेस्क)। श्रीलंका में स्थिति लगातार बद से बदतर होती जा रही है। ऐसे में भारत की चिंता का बढ़ना स्वाभाविक है। भारत की चिंता इस बात को लेकर भी स्वाभाविक है कि श्रीलंका भौगोलिक दृष्टि से भारत का पड़ोसी देश है, जिसको बदलना संभव नहीं है। ऐसे में यदि श्रीलंका के हालात नहीं सुधरे तो इससे भारत की सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है।
महिंदा की तरह भागे गोटाबाया
श्रीलंका की ताजा स्थिति की यदि बात करें तो वहां पर राजनीतिक अस्थिरता अभी तक खत्म नहीं हुई है। सरकार की लगातार विफलता और देश की खराब होती स्थिति से नाराज होती जनता सड़कों पर है। जनता के गुस्से को देखते हुए राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को भी अपने आवास को छोड़कर परिवार समेत भागना पड़ा है। इससे पहले उनके भाई और पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को भी इसी तरह से अपना घर छोड़कर भागना पड़ा था। उनके घर को प्रदर्शनकारियों ने आग तक लगा दी थी। ऐसा ही कुछ इस बार भी हुआ है।
चर्च आफ सिलोन का बयान
ये घटनाक्रम इसलिए भी बेहद खास है क्योंकि शुक्रवार को ही श्रीलंका के चर्च आफ सिलोन ने कहा था कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को देश की बदहाली की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए। एक बयान चर्च आफ सिलोन ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे से भी ऐसा ही करने को कहा था। आपको बता दें कि, श्रीलंका पर 51 अरब डालर का विदेशी कर्ज है। इस कर्ज को चुकाने में वो अपनी असमर्थता पहले ही जता चुका है। ऐसे में उसकी आस केवल अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष पर टिकी है। इसको लेकर सरकार की तरफ से बात भी चल रही है, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिल सकी है।
गृहयुद्ध की तरफ बढ़ रहा श्रीलंका
श्रीलंका के मौजूदा हालात उसको गृहयुद्ध की तरफ आगे बढ़ा रहे हैं। यदि हालात नहीं सुधरे तो देश में फैली हिंसा इस पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर देगी। उस वक्त यहां का हाल काफी कुछ सोमालिया जैसे दूसरे देशों की तरह ही हो जाएगी। सोमालिया जैसे अन्य देशों में कहने को सरकार है, लेकिन वहां की खराब आर्थिक व्यवस्था में वहां की कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है।
बेहद खराब हैं संकेत
ऐसी स्थिति में जहां खाने-पीने की चीजों के अभाव होगा वहां पर हत्या, लूटपाट, आगजनी की घटनाएं बढ़ जाएंगी। इसका संकेत चर्च आफ सिलोन ने भी अपने बयान में दिया है। ऐसा ही कुछ वहां पर देखा भी जा रहा है। श्रीलंका में खाने-पीने की चीजों से लेकर अन्य जरूरी चीजें जैसे डीजल, पेट्रोल और जरूरी दवाओं की जबरदस्त कमी हो रही है। पहले ही यहां पर इस तरह की खबरें सामने आ चुकी हैं जिनमें दुकानों और माल्स के लूटने का जिक्र किया गया था।