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    चीन के साथ हो गया खेला! जिस एयरपोर्ट को बनवाने में की थी मदद, श्रीलंका ने भारत को दिया उसका कंट्रोल

    Sri Lanka Airport Control to india मटाला राजपक्षे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के प्रबंधन का जिम्मा अब भारतीय और रूसी कंपनी को सौंप दिया गया है। श्रीलंकाई कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है और इस फैसले से चीन को बड़ा झटका लग है। चीन ने ही इस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे प्रोजेक्ट के लिए श्रीलंका को वित्तीय मदद की थी।

    By Jagran News Edited By: Mahen Khanna Updated: Sat, 27 Apr 2024 01:10 PM (IST)
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    Sri Lanka Airport Control to india श्रीलंका एयरपोर्ट का जिम्मा भारतीय कंपनी को मिला।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Sri Lanka Airport Control to India श्रीलंका के हंबनटोटा में मटाला राजपक्षे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के प्रबंधन का जिम्मा अब एक भारतीय और रूसी कंपनी को सौंप दिया गया है। श्रीलंकाई कैबिनेट ने शुक्रवार को इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। इस फैसले को चीन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। 

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    भारत और रूसी कंपनी को मिला कंट्रोल

    श्रीलंका सरकार के प्रवक्ता और मंत्री बंडुला गनवार्डेना ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में इस प्रोजेक्ट के लिए रुचि पत्र मंगवाने  को मंजूरी दे दी गई थी। जिसके बाद कैबिनेट की सलाहकार समिति ने भारत की शौर्य एयरोनॉटिक्स (प्राइवेट) लिमिटेड और रूस की एयरपोर्ट्स ऑफ रीजन्स मैनेजमेंट कंपनी को 30 वर्षों के लिएमटाला राजपक्षे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के प्रबंधन का जिम्मा सौंपा।

    चीन ने हवाईअड्डा बनवाने में की थी मदद

    बता दें कि इस हवाईअड्डे को बनवाने के लिए चीन ने श्रीलंका की वित्तीय मदद की थी। हालांकि, इसे ड्रैगन की एक बड़ी साजिश बताया गया था। दरअसल, चीन ने इस प्रोजेक्ट के लिए काफी उच्च ब्याज दर पर लोन दिया था।

    चीन के एग्जिम बैंक ने लगभग 19 करोड़ डॉलर की राशि दी थी। चीन पर कई विशेषज्ञों ने आरोप लगाए थे कि उसने इस प्रोजेक्ट के माध्यम से श्रीलंका को एक और बड़े कर्जजाल में फंसाया है।

    घाटे में चल रहा है एयरपोर्ट

    बता दें कि इस एयरपोर्ट को 209 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत से बनाया गया था। उड़ानों की कमी के कारण एयरपोर्ट घाटे में जा रहा था और इसे दुनिया का सबसे खाली हवाई अड्डा करार दिया जाने लगा था। 2016 से श्रीलंका सरकार हवाई अड्डे के प्रबंधन के लिए भागीदारों की तलाश कर रही थी, जिसे अब भारतीय कंपनियां संभालेंगी। 

    मटाला हवाई अड्डे का नाम पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के नाम पर रखा गया था, ये हवाई अड्डा राजपक्षे के लगभग एक दशक लंबे शासनकाल की प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से एक था।