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    मुंह नहीं खोल रहा श्रीसन फार्मा का मालिक रंगनाथन, पांच दिन की और रिमांड मांग सकती है पुलिस

    Updated: Wed, 22 Oct 2025 06:02 PM (IST)

    जहरीला कफ सीरप 'कोल्ड्रिफ' बनाने वाली श्रीसन फार्मा के मालिक जी. रंगनाथन को पुलिस फिर रिमांड पर ले सकती है। पुलिस को अभी तक विषाक्त कफ सीरप के उत्पादन के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। एसआइटी कंपनी के अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ कर रही है। न्यायालय ने रंगनाथन को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।

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    श्रीसन फार्मा कंपनी का मालिक जी. रंगनाथन 

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जहरीला कफ सीरप 'कोल्ड्रिफ' बनाने वाली तमिल नाडु की श्रीसन फार्मा कंपनी के मालिक जी. रंगनाथन को पूछताछ के लिए पुलिस फिर पांच दिन के लिए रिमांड पर ले सकती है। इसके पहले पुलिस ने 10 दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की, पर विषाक्त कफ सीरप के उत्पादन के संबंध में वह कोई जानकारी नहीं दे रहा है।

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    पुलिस उसे लेकर कांचीपुरम स्थित प्लांट में भी गई थी, पर वहां भी वह कोई दस्तावेज नहीं दे पाया। एसआइटी कंपनी के अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ कर रही है। दस्तावेजों की पड़ताल की जा रही है। इनसे मिली जानकारी के आधार पर एक बार रंगनाथन को रिमांड में लेकर पूछताछ की जाएगी।

    जहरीला कफ सीरप बनाने का मामला

    बता दें कि न्यायालय ने 20 अक्टूबर को उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। सूत्रों के अनुसार चर्चित मामला होने के कारण एसआइटी इसमें 60 दिन के भीतर कोर्ट में चालान भी प्रस्तुत कर सकती है। एसआइटी पूरे साक्ष्य के साथ अभियोजन की तैयारी कर रही है। यही कारण है कि छोटे-बड़े सभी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। पुलिस अभी अपनी तरफ से रंगनाथन से कुछ खास नहीं उगलवा पाई है। वह यह कहता रहा है कि उसकी कोई गलती नहीं है।

    अपने बयान में उसने कहा, अमानक मिले बैच एसआर-13 की लगभग 1900 बाटल कफ सीरप तैयार की गई थीं। यह तमिल नाडु, पुडुचेरी और मध्य प्रदेश में आपूर्ति की गई थीं, पर शिकायत सिर्फ मध्य प्रदेश से ही आई है। कफ सीरप में जानलेवा डायथिलीन ग्लायकल 48.6 प्रतिशत कैसे मिल गया, वह नहीं बता पा रहा है।

    कंपनी के अन्य कर्मचारियों से पूछताछ जारी 

    एसआइटी में इस मामले में सभी को काम बांट दिया गया है। एक टीम तमिल नाडु के औषधि प्रशासन विभाग से जरूरी दस्तावेज एकत्र करने में लगी है। इसमें ड्रग इंस्पेक्टर भी शामिल हैं। यही टीम प्लांट से भी दस्तावेज व अन्य साक्ष्य एकत्र कर रही है। इसके पहले रंगनाथन व कंपनी के अन्य कर्मचारियों से पूछताछ पूरी की जानी है। कंपनी बनाने से लेकर ड्रग लाइसेंस नियमों की अनदेखी, निर्धारित मापदंडों के अनुसार गुणवत्ता जांच नहीं करने के मामले में एसआइटी साक्ष्य जुटा रही है।