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    बांग्ला अभिनेत्री ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर ममता सरकार के खिलाफ आवाज उठाने पर उत्पीड़न से सुरक्षा मांगी

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 08:28 PM (IST)

    लोकप्रिय बांग्ला अभिनेत्री श्रीलेखा मित्रा ने कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर कर ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ उत्पीड़न से सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में दुष्कर्म व हत्या मामले में आवाज उठाई थी। अभिनेत्री ने इंटरनेट पर धमकियां मिलने और सामाजिक बहिष्कार की आशंका जताई है। उन्होंने हरिदेवपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन कार्रवाई न होने पर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

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    ममता सरकार के खिलाफ आवाज उठाने पर उत्पीड़न से सुरक्षा मांगी सुरक्षा (फाइल)

    राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। लोकप्रिय बांग्ला अभिनेत्री श्रीलेखा मित्रा ने बुधवार को कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ विभिन्न मुद्दों, खासकर सरकारी आरजी कर मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में एक महिला डाक्टर से दुष्कर्म व हत्या मामले में आवाज उठाने पर उत्पीड़न से सुरक्षा की मांग की।

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    हाई कोर्ट ने उन्हें याचिका दायर करने की अनुमति दे दी है। अदालत द्वारा इसे स्वीकार किए जाने के बाद, मामले की अगले हफ्ते सुनवाई की संभावना है। पिछले साल नौ अगस्त को हुई आरजी कर घटना के खिलाफ अभिनेत्री ने विभिन्न विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था और आवाज उठाई थी।

    इस साल नौ अगस्त को आरजी कर घटना पहली बरसी पर भी अभिनेत्री ने एक विरोध रैली में हिस्सा लिया था, जहां उन्होंने राज्य सरकार के खिलाफ कुछ प्रासंगिक सवाल उठाए थे कि एक साल बाद भी पीडि़ता और उसके माता-पिता को न्याय क्यों नहीं मिल रहा है।

    श्रीलेखा मित्रा को मिल रही धमकियां

    अपनी याचिका में, अभिनेत्री ने दावा किया है कि तब से उन्हें इंटरनेट मीडिया पर धमकियां मिल रही हैं और उन्हें लगता है कि उनका सामाजिक रूप से पूरी तरह से बहिष्कार करने की पूरी कोशिश की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि दक्षिण कोलकाता के बेहला इलाके में उनके घर के बाहर उनके खिलाफ नारे लिखे कई बैनर और पोस्टर चिपकाए गए हैं।

    श्रीलेखा मित्रा ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा

    उनके अनुसार, उन्होंने इस मामले में स्थानीय हरिदेवपुर थाने में ईमेल के जरिए शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन अधिकारियों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई, इसलिए आखिरकार उन्होंने सुरक्षा के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

    दरअसल, पिछले साल अगस्त में आरजी कर घअना के विरोध में शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद से ही, सामाजिक आलोचना और यहां तक कि प्रशासनिक कार्रवाई का सामना करना आम बात हो गई है।

    इस मामले में सबसे ज्यादा प्रभावित सरकारी मेडिकल कालेजों और अस्पतालों से जुड़े वरिष्ठ और जूनियर डाक्टर हुए, जो इस मुद्दे पर आंदोलन का चेहरा बन गए थे। उनमें से कई का मनमाने ढंग से दूर-दराज के इलाकों में तबादला कर दिया गया। यहां तक कि कुछ के खिलाफ संदिग्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही भी शुरू की गई।

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