सोशल मीडिया पर आध्यात्मिक गुरु ही कर रहे कार्बाइड पाइप गन का प्रचार, पोटाश गन चलाते आए नजर
मध्य प्रदेश में करीब 260 बच्चों-युवाओं की आंखों को गंभीर क्षति पहुंचा चुकी कार्बाइड पाइप गन ऐसे ही हाथों-हाथ नहीं बिकने लगीं, इसके पीछे इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म्स की रील और वीडियो काबड़ा योगदान रहा। इसी तरह की अवैध, अमानक और खतरनाक पोटाश गन का कुछ आध्यात्मिक गुरु ही प्रचार करते दिख रहे हैं।

सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने डाले पोटाश गन चलाते हुए वीडियो (फोटो- वीडियो ग्रैब)
जेएनएन, भोपाल। मध्य प्रदेश में करीब 260 बच्चों-युवाओं की आंखों को गंभीर क्षति पहुंचा चुकी कार्बाइड पाइप गन ऐसे ही हाथों-हाथ नहीं बिकने लगीं, इसके पीछे इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म्स की रील और वीडियो का बड़ा योगदान रहा।
देवकीनंदन ठाकुर का वीडियो वायरल
इसी तरह की अवैध, अमानक और खतरनाक पोटाश गन का कुछ आध्यात्मिक गुरु ही प्रचार करते दिख रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर देवकीनंदन ठाकुर जैसे कई आध्यात्मिक गुरु गज-कुंडी नाम से जानी जाने वाली पोटाश गन चलाते नजर आए। इस तरह से वह अमानक गन से पटाखे चलाने को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
पोटाश गन भी बेरोकटोक बेची जा रही
अलबत्ता, संबंधित वीडियो के कमेंट बाक्स में लोगों ने इससे होने वाली दुर्घटना की भयावहता की तस्वीरें डालकर उन्हें आईना भी दिखाया है। ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफार्म पर कार्बाइड गन 1300 रुपये में बिक रही है। वहीं, गज-कुंडी नाम की पोटाश गन भी बेरोकटोक बेची जा रही है।
घायल बच्चों व युवाओं से पता चला है कि उन्होंने कार्बाइड पाइप गन इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहे वीडियो को देखकर ही बनाई है। जब इसे बनाने के बाद चलाकर देखा तो वे घटना के शिकार हो गए हैं। ऐसे अनेक मामले पुलिस-प्रशासन की पूछताछ में सामने आ रहे हैं।
इन गनों का ऑनलाइन विक्रय न हो पाए
यही कारण है कि अब भोपाल प्रशासन ने इंटरनेट मीडिया पर ऐसे वीडियो प्रसारित न हों और इन गनों का ऑनलाइन विक्रय न हो पाए, इसके लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। सभी इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म्स को पत्र लिखा जा रहा है।
चेतावनी दी गई है कि अब से ऐसे वीडियो प्रसारित किए गए तो कार्रवाई की जाएगी। इंदौर में भी ऐसी गन की बिक्री, भंडारण और उसके उपयोग को प्रचारित करने पर रोक लगाई गई है।
प्रतिबंधित विस्फोटक है पोटाश
पोटाश प्रतिबंधित विस्फोटक है। इसका आम प्रयोग नहीं किया जा सकता है। भोपाल पटाखा एसोसिएशन के अध्यक्ष आशनदास चंदवानी ने बताया कि गज-कुंडी लोहे के पाइप की बनाई जाती है। इसे पोटाश का उपयोग करके चलाया जाता है। यह बेहद घातक है। यदि पोटाश का अवैध मात्रा में भंडारण किया जाता है और यह 10 फीट की ऊंचाई से गिरता है तो बड़ा विस्फोट हो सकता है।
पता लगा है कि कार्बाइड गन ऑनलाइन वेबसाइट पर भी बेची जा रही थी। इसके आधार पर इन वेबसाइट पर गन की बिक्री नहीं करने के लिए पत्र भी लिखा गया है। बाजार में करीब 150 में मिलने वाली यह गन खतरनाक साबित हुई है।- कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर, भोपाल

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