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    पेपर लीक मामले की जांच में विफल रही सीबीआइ, कोर्ट ने जारी किया नोटिस

    कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) परीक्षा के पेपर लीक मामले में चार साल बाद चार साल बाद भी अधिकारियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल नहीं करने पर आज कोर्ट ने नोटिस जारी कर दिया। 17-22 फरवरी 2018 के बीच एसएससी ने संयुक्त स्नातक स्तर की परीक्षा का आयोजन किया था।

    By Monika MinalEdited By: Updated: Wed, 16 Mar 2022 03:51 AM (IST)
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    पेपर लीक मामले की जांच में विफल रही सीबीआइ : कोर्ट

    नई दिल्ली [जागरण संवाददाता]।  कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) परीक्षा के पेपर लीक मामले में चार साल बाद भी सीबीआइ आरोपित दस अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल नहीं कर सकी है। इस पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने सीबीआइ को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही कहा कि सरकारी अधिकारियों के खिलाफ चार साल में जांच का कोई नतीजा नहीं निकल सका है, जो एजेंसी की विफलता को दर्शाता है। ऐसे में क्यों न 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाए।

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    दरअसल, 17 से 22 फरवरी 2018 के बीच एसएससी ने संयुक्त स्नातक स्तर की परीक्षा का आयोजन किया था। इस परीक्षा का पेपर लीक होने का मामला सामने आने के बाद भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे थे। इसके बाद मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी गई थी। सीबीआइ ने लगभग तीन महीने की प्रारंभिक जांच के आधार पर 22 मई, 2018 को मामला दर्ज किया था। इसमें 10 सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों और 17 अन्य व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें 17 लोगों के खिलाफ सीबीआइ ने दो अगस्त, 2019 को आरोप पत्र दायर कर दिया था, जबकि अन्य दस कर्मचारियों के खिलाफ जांच पूरी न होने की बात कहते हुए पूरक आरोप पत्र दाखिल करने के लिए समय मांगा था। इसे लेकर सीबीआइ ने कई बार स्थगन आदेश भी लिया।

    विशेष अदालत ने जनवरी में सीबीआइ को जांच पूरी करने का आखिरी मौका दिया था और स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था, लेकिन केंद्रीय एजेंसी दो माह बाद भी आरोप पत्र लाने में विफल रही। इस पर राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल की अदालत ने सीबीआइ को कारण बताओ नोटिस जारी किया।