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    पंचायतों के सशक्तीकरण में दक्षिण का जलवा, यूपी की भी लंबी छलांग, रिपोर्ट में आपके राज्य की कौनसी पोजिशन?

    Updated: Thu, 13 Feb 2025 11:32 PM (IST)

    पंचायतों के सशक्तीकरण में दक्षिण के राज्यों का दबदबा देखने को मिला है। वहीं यूपी ने भी लंबी छलांग लगाई है। दस साल में यूपी 15वें स्थान से पांचवे स्थान पर पहुंच गया है। ओवरआल रैंकिंग की बात की जाए तो कर्नाटक पहले केरल दूसरे तमिलनाडु तीसरे तो महाराष्ट्र चौथे स्थान पर है। पंचायतीराज मंत्रालय और आइआइपीए ने पंचायत डिवोल्यूशन इंडेक्सद जारी किया है।

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    पंचायतों के सशक्तीकरण में दक्षिण का दबदबा, यूपी की भी बड़ी छलांग।

    जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली। सुधार और परिवर्तन के तमाम अन्य मानकों की तरह ही दक्षिण के राज्यों ने पंचायतों के सशक्तीकरण में भी अपना दबदबा कायम रखा है। लगभग 10 वर्ष बाद पंचायतीराज मंत्रालय और भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आइआइपीए) द्वारा जारी पंचायत डिवॉल्यूशन इंडेक्स (पीडीआइ) रिपोर्ट में यह साफ दिखा है कि उत्तर भारत के राज्यों में उत्तरप्रदेश को छोड़कर किसी अन्य राज्य ने पंचायतों को काम करने का वह उल्लेखनीय वातावरण और संसाधन उपलब्ध नहीं कराया है, जिससे वह सशक्त हो सकें।

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    ओवरआल रैंकिंग की बात करें तो शीर्ष पांच में पहले स्थान पर कर्नाटक, दूसरे पर केरल, तीसरे पर तमिलनाडु, चौथे पर महाराष्ट्र और पांचवें पर उत्तर प्रदेश है। उत्तरप्रदेश की विशेष तौर पर प्रशंसा की गई है क्योंकि 2014-15 की पीडीआई रिपोर्ट में 15वें इस बार वह पांचवें पर पहुंचा है।

    एमपी मध्य श्रेणी तो बिहार को निम्न श्रेणी में स्थान

    बड़े राज्यों में मध्यप्रदेश मध्य श्रेणी तो बिहार को निम्न श्रेणी में स्थान मिला है। संविधान के 73वें संशोधन के माध्यम से प्रविधान किया गया था कि राज्य पंचायतों को क्या-क्या अधिकार दे सकते हैं। सबसे अधिक जोर ट्रिपल एफ यानी फाइनेंस (वित्तीय अधिकार), फंक्शन (कार्य अधिकार) और फंक्शनरीज (अधिकारी-कर्मचारी) पर रहा।

    इसे कुछ ही राज्यों ने गंभीरता से लिया। ऐसे में केंद्र सरकार यह तस्वीर तैयार करना चाहती थी कि आखिर पंचायतों के सशक्तीकरण की देश में वास्तविक स्थिति क्या है। इसके लिए पंचायतीराज मंत्रालय ने पिछली रिपोर्ट के करीब 10 वर्ष बाद 2024 में आइआइपीए के माध्यम से अध्ययन कराया।

    मंत्री बघेल ने जारी की रिपोर्ट

    इसमें फ्रेमवर्क, क्षमता वृद्धि और जवाबदेही को भी अतिरिक्त पैमाने के रूप में शामिल किया गया। यह रिपोर्ट गुरुवार को केंद्रीय पंचायतीराज राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने जारी की। मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में पंचायतों के इन्फ्रास्ट्रक्चर में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

    पंचायतों के क्षमता निर्माण में 10 फीसदी सुधार

    • पंचायतों के क्षमता निर्माण में भी दस प्रतिशत का सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि परंपरागत तौर पर दक्षिण के राज्य ही अग्रणी रहते थे, लेकिन अब इनमें उत्तर प्रदेश ने बेहतरीन काम किया है और उत्तर पूर्व का त्रिपुरा जैसा छोटा राज्य भी अग्रणी सूची में शामिल है।
    • आईआईपीए के प्रोफेसर वीएन आलोक के मुताबिक, डिवोल्यूशन इंडेक्स का राष्ट्रीय औसत भी 2014 के 39.92 प्रतिशत से बढ़कर 43.89 प्रतिशत हो गया।

    ओवरआल रैंकिंग शीर्ष दस

    कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, त्रिपुरा, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़

    फ्रेमवर्क रैंकिंग

    केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु

    फंक्शन्स रैंकिंग

    तमिलनाडु, कर्नाटक, ओडिशा, राजस्थान, केरल, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, सिक्किम और गुजरात

    फाइनेंस रैंकिंग

    कर्नाटक, केरल, त्रिपुरा, तमिलनाडु, राजस्थान, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश

    फंक्शनरीज रैंकिंग

    गुजरात, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, बिहार, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल

    कैपेसिटी बिल्डिंग रैंकिंग

    तेलंगाना, तमिलनाडु, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, गोवा, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और असम

    अकाउंटिबिलिटी रैंकिंग

    कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल

    अंकों के आधार पर राज्यों की श्रेणी

    उच्च- कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल।मध्यम- आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और ओडिशानिम्न- असम, बिहार, सिक्किम और उत्तराखंडअति निम्न- अंडमान-निकोबार, अरुणाचल प्रदेश, दादरा एवं नगर हवेली और दमन-द्वीव, गोवा, हरिया