कोलकाता लॉ कॉलेज रेप मामले की होगी SIT जांच, एसीपी और एसएसडी की निगरानी में 5 सदस्यीय टीम गठित
अपनी शिकायत में पीड़िता ने आरोप लगाया कि उसने मुख्य आरोपी से बार-बार उसे जाने देने की गुहार लगाई लेकिन उसने एक न सुनी। पीड़िता ने अपने बयान में कहा कि मैंने उसके पैर छुए लेकिन उसने मुझे जाने नहीं दिया उसने मेरी बिल्कुल नहीं सुनी। उसने अपने साथियों से कहा कि मुझे गार्ड रूम में छोड़ दो।

कोलकाता, एएनआई। कोलकाता के साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में 25 जून, 2025 की शाम को हुए कथित गैंगरेप घटना की एसआईटी जांच होगी। कोलकाता पुलिस ने एसीपी प्रदीप कुमार घोषाल, एसएसडी की देखरेख में 5 सदस्यीय एसआईटी का गठन कर दिया है।
दक्षिण कोलकाता के कस्बा इलाके में एक सरकारी लॉ कॉलेज की 24 वर्षीय छात्रा के साथ कथित सामूहिक बलात्कार के सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ताजा गिरफ्तारी कॉलेज के एक सिक्योरिटी गार्ड की हुई है, जिसे शनिवार को हिरासत में लिया गया। आरोपियों को 1 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। दो छात्रों, जैब अहमद (19) और प्रमित मुखर्जी (20) के साथ-साथ कॉलेज कर्मचारी मोनोजीत मिश्रा (31) को परिसर में कथित तौर पर हुई घटना के एक दिन बाद गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था।
मेडिकल जांच में मिले कई अहम सबूत
पुलिस ने बताया कि कथित घटना बुधवार शाम 7.30 से 10.50 बजे के बीच हुई, जब महिला आगामी परीक्षा के लिए फॉर्म भरने कॉलेज गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टरों को उसके शरीर पर जबरदस्ती करने, काटने के निशान और नाखून से खरोंच के सबूत मिले हैं।
मामले पर राजनीति भी तेज
इस मामले ने पूरे पश्चिम बंगाल में भारी हलचल मचा दी है, साथ ही सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच राजनीतिक वाद-विवाद चल रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भरोसा दिया है कि न्याय जरूर होगा। केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को शनिवार को घटना के खिलाफ प्रदर्शन करते समय हिरासत में लिया गया। मजूमदार ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि उन्हें और उनकी पार्टी के नेताओं को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आदेश पर कोलकाता पुलिस ने हिरासत में लिया।
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