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    शाहबानो मामले में सोनिया ने राजीव के फैसले का किया था विरोध, महिला राजनेताओं पर पुस्तक में दिलचस्प किस्से

    By Jagran NewsEdited By: Amit Singh
    Updated: Sun, 06 Aug 2023 11:21 PM (IST)

    सोनिया गांधी से जुड़े प्रसंग में गांधी परिवार के करीबी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर का हवाला देते हुए कहा गया है कि वह शाहबानो पर राजीव गांधी के रुख के विरोध में थीं। वे कहते हैं कि उन्हें याद है कि जब तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने मुस्लिम महिला (तलाक पर संरक्षण) अधिनियम 1986 पर सोनिया गांधी से चर्चा की तो उन्होंने असहमति जताते हुए इसका विरोध किया।

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    मनीष तिवारी 11 अगस्त को इस पुस्तक का लोकार्पण करेंगे।

    संजय मिश्र, नई दिल्ली: मुस्लिम महिलाओं के तलाक से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए राजीव गांधी सरकार में लाए गए कानून का सोनिया गांधी ने विरोध किया था और ऐसा कदम नहीं उठाने की सलाह दी थी। पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के महाराष्ट्र की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने का रास्ता बिल्कुल आखिर वक्त पर संजय गांधी ने रोक दिया था।

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    सुषमा स्वराज 2019 के चुनाव के बाद नई सरकार की कैबिनेट में बुलावे का इंतजार करते हुए बार-बार अपने मोबाइल का नेटवर्क चेक कर रही थीं कि कहीं नेटवर्क की गड़बड़ी उनके शपथ लेने के न्योते में बाधा तो नहीं बन रही। हालांकि उनकी यह आशंका निर्मूल निकली क्योंकि नए मंत्रिमंडल की शपथ में उन्हें केवल अतिथि के रूप में आने का आमंत्रण मिला।

    किताब में राजनीतिक घटनाओं का वर्णन 

    राजनीति से जुड़े ये दिलचस्प और अनछुए किस्से इन नेताओं के करीबियों-सहयोगियों या फिर सीधे उनके द्वारा ही साझा किए गए अनुभवों का हिस्सा है जो वरिष्ठ पत्रकार निधि शर्मा की नई प्रकाशित पुस्तक 'शी द लीडर' में साझा किए गए हैं। सोनिया गांधी, प्रतिभा पाटिल, सुषमा स्वराज, स्मृति ईरानी, अंबिका सोनी, शीला दीक्षित, मायावती समेत देश की 17 अग्रणी महिला राजनेताओं की सियासत को रेखांकित करती इस पुस्तक में कई रोचक राजनीतिक घटनाओं के पीछे की गहमागहमी का वर्णन है।

    देश की इन चर्चित महिला राजनीतिक हस्तियों ने राष्ट्रीय विमर्श में राजनीति का अपना ब्रांड बनाने के लिए सामाजिक असमानताओं के साथ पितृसत्तात्मक सोच के खिलाफ अपने हिसाब से लड़ाई लड़ी है।

    राजीव के विरोध में थीं सोनिया

    सोनिया गांधी से जुड़े प्रसंग में गांधी परिवार के करीबी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर का हवाला देते हुए कहा गया है कि वह शाहबानो पर राजीव गांधी के रुख के विरोध में थीं। वे कहते हैं कि उन्हें याद है कि जब तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने मुस्लिम महिला (तलाक पर संरक्षण) अधिनियम 1986 पर सोनिया गांधी से चर्चा की तो उन्होंने असहमति जताते हुए इसका विरोध किया।

    इस पर उठ रहे सवालों के बीच ऐसी राय से राजीव गांधी परेशान थे और कहा भी था कि कोई भी आधुनिक मुस्लिम व्यक्ति उन्हें वोट नहीं देगा। ये बात अलग है कि अल्पसंख्यकों को आश्वस्त करने के लिए कि हम एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं और विभिन्न समुदायों के व्यक्तिगत कानूनों का सम्मान करते हैं, यह कानून लाया गया।

    मोबाइल नेटवर्क में नहीं थी गड़बड़ी

    सुषमा स्वराज के निधन के बाद उनके सियासी जीवन के बारे में उनकी बेटी बांसुरी और करीबी सहयोगियों से चर्चा की गई है। लंबे समय तक सुषमा के सहयोगी रहे अरविंद भारद्वाज का हवाला देते हुए कहा गया है कि सुषमा ने 2019 के चुनाव के बाद कैबिनेट के गठन की गहमागही के बीच अपने कर्मचारियों से यह सोचकर मोबाइल कनेक्टिविटी जांचने के लिए कहा कि शायद काल नहीं लग रही होगी। मोबाइल नेटवर्क काम नहीं कर रहा था तो चेक किया कि लैंडलाइन पर कोई कॉल तो नहीं आई। वह राष्ट्रपति भवन में मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में आधी उम्मीद में गई थीं कि उन्हें बुलाने में कुछ चूक हो गई होगी।

    पुस्तक में मायावती के गेस्ट हाउस कांड के बाद रात 11 बजे राजभवन पहुंचकर शरण लेने की घटना से लेकर प्रतिभा पाटिल को 1980 में मुख्यमंत्री बनाने के इंदिरा गांधी के निर्णय को पलटकर एआर अंतुले को सीएम बनाने के संजय गांधी के सियासी फैसले की चर्चा की गई है। इसी तरह केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी ने अपने सियासी जीवन के दौरान उनके चरित्र पर उछाले गए कीचड़ के बारे में खुद बेबाकी से अपनी बात कहते हुए राजनीति में महिलाओं की चुनौतियों को रेखांकित किया है। स्मृति ईरानी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी 11 अगस्त को इस पुस्तक का लोकार्पण करेंगे।

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