जब तक जांच नहीं होता तब तक जेल में रहने को तैयार, जेल में बंद सोनम वांगचुक ने की शांति की अपील
लद्दाख हिंसा के बाद जेल में बंद सोनम वांगचुक ने लेह विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई चार लोगों की मौत की न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने लद्दाखवासियों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया है। वांगचुक ने कहा कि स्वतंत्र जांच होने तक वे जेल में रहने को तैयार हैं। उन्होंने लेह में राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग का भी समर्थन किया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लद्दाख हिंसा के बाद जेल में बंद सोनम वांगचुक ने लेह विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई चार लोगों के मौत के न्यायिक जांच की मांग की है। साथ ही उन्होंने लद्दाखवासियों से शांति और एकता बनाए रखने और अहिंसा के सच्चे गांधीवादी तरीके से शांतिपूर्ण तरीके से अपना संघर्ष जारी रखने का आग्रह किया है।
दरअसल, 24 सितंबर को लेह में राज्य का दर्जा बहाल करने और छठी अनुसूची को लागू करने की मांग को लेकर हुआ विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। इस दौरान एक पूर्व सैनिक सहित चार लोगों की मौत हो गई। चार लोगों को के मौत को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिए गए लद्दाखी शिक्षा सुधारक और जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग की है।
जेल में रहने के लिए तैयार...
सोनम वांगचुक वर्तमान में जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। उन्होंने अपना यह संदेश भाई कात्सेतन दोरजे ले और उनके वकील मुस्तफा हाजी के माध्यम से दिया। इन दोनों वांगचुक से शनिवार को जोधपुर सेंट्रल जेल में उनसे मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान वांगचुक ने कहा कि जब तक स्वतंत्र जांच का आदेश नहीं दिया जाता, हम जेल में रहने के लिए तैयार हैं।
लद्दाख के हित में शीर्ष निकाय जो भी कदम उठाएगा, मैं उनके साथ हूं...
गौरतलब है कि लद्दाखी शिक्षा सुधारक रेमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता वांगचुक ने छठी अनुसूची के कार्यान्वयन और लेह में राज्य का दर्जा बहाल करने की शीर्ष निकाय और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) की मांग का भी समर्थन किया है। सोनम वांगचुक ने कहा, लद्दाख के हित में शीर्ष निकाय जो भी कदम उठाएगा, मैं पूरे दिल से उनके साथ हूं।
मैं शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से ठीक हूं
सोनम वांगचुक ने पत्र में कहा, "मैं शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से ठीक हूं और सभी की चिंता और प्रार्थनाओं के लिए धन्यवाद। जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई, उनके परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है, और मेरी प्रार्थनाएं उन लोगों के साथ हैं जो घायल हुए हैं और गिरफ्तार किए गए हैं।"
बताते चले कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में उनकी पत्नी गीतांजलि जे. अंगमो की याचिका पर सुनवाई होगी। जिसमें उन्होंने एनएसए के तहत उनकी हिरासत को चुनौती देते हुए तत्काल रिहाई की मांग की है।
यह भी पढ़ें- लेह में सोनम वांगचुक के आंदोलन में छात्रों और पुलिस के बीच झड़प, BJP ऑफिस और CRPF की गाड़ी में लगाई आग; 4 की मौत
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।