लेह हिंसा पर बोले सोनम वांगचुक, 'जब तक न्यायिक जांच नहीं होती, तब तक जेल में रहने को तैयार'
सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक जो जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं ने लेह में हुई हिंसा की स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग की है। उनके अनुसार वह जांच पूरी होने तक जेल में रहने को तैयार हैं। उनके भाई और वकील ने जेल में उनसे मुलाकात की जिसके बाद वकील ने वांगचुक का संदेश सोशल मीडिया पर साझा किया।

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने बड़े भाई के माध्यम से लेह में हुई हिंसा में चार लोगों की मौत की स्वतंत्र न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि जब तक यह जांच नहीं होती, वह जेल में रहने के लिए तैयार हैं।
वांगचुक के बड़े भाई त्सेतन दोरजे और उनके वकील मुस्तफा हाजी विशेष अनुमति के तहत शनिवार को जेल में उनसे मिले थे। वकील मुस्तफा ने सोनम के संदेश को इंटरनेट मीडिया एक्स पर साझा किया है।
सोनम शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ- वकील
वकील मुस्तफा हाजी के मुताबिक सोनम शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हैं। उन्होंने हिंसा में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। सोनम ने छठी अनुसूची और राज्य का दर्जा पाने की मांग को लेकर सभी से शांति और एकता बनाए रखने का आह्वान किया।
24 सितंबर को हुई सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी
उल्लेखनीय है कि सोनम को 24 सितंबर को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था और उन्हें 26 सितंबर को जोधपुर सेंट्रल जेल भेजा गया। उनकी पत्नी गीतांजलि जे अंगमो ने पति की रिहाई की मांग करते हुए सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है। उनकी याचिका पर छह अक्टूबर को सुनवाई होगी।
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