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ब्रह्मोस मिसाइल की लॉन्चिंग के पहले उसकी खासियत को विदेश भेजने वाले गिरोह का भंडाफोड़

ओडिशा के बालासोर स्थित डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन से ऐसी सूचना लीक हुई है, जो देश की सुरक्षा के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ है। इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।

By Rajesh PatelEdited By: Published: Wed, 10 Oct 2018 12:40 PM (IST)Updated: Thu, 11 Oct 2018 12:04 AM (IST)
ब्रह्मोस मिसाइल की लॉन्चिंग के पहले उसकी खासियत को विदेश भेजने वाले गिरोह का भंडाफोड़
ब्रह्मोस मिसाइल की लॉन्चिंग के पहले उसकी खासियत को विदेश भेजने वाले गिरोह का भंडाफोड़

 जलपाईगुड़ी/सिलीगुड़ी, [जागरण संवाददाता]। सेना के परमाणु शक्ति संपन्न मिसाइल की खासियत को विदेश भेजने वाले गिरोह का भंड़ाफोड़ हुआ है। बुधवार को इस मामले में अलीपुरद्वार जिले के मदारीहाट निवासी रफीकुल इस्लाम को उसके घर से गिरफ्तार किया गया। उसके पास से डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) की एक किट मिला है। जिसमें कुछ रेडियो एलीमेंट्स के साथ डीआरडीओ के एक वैज्ञानिक नीरज कुमार द्वारा हस्ताक्षरित रिपोर्ट भी है, जिसमें एक अति शक्तिशाली मिसाइल की खूबियों का वर्णन विस्तार से है।

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मिसाइल की खूबियों वाली रिपोर्ट के साथ गिरफ्तार रफीकुल इस्लाम।
सेना के तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि यह जानकारी ब्रह्मोस-2 मिसाइल के संबंध में है, जो अभी तक परीक्षण की प्रक्रिया में है। 2020 में इसे लॉन्च होना है। यह कार्रवाई मिलिट्री के इनपुट के आधार पर बिन्नागुड़ी स्थित मिलिट्री इंटेलीजेंस, सशस्त्र सीमा बल तथा जयगांव पुलिस ने संयुक्त रूप से की है। रफीकुल से विस्तार से पूछताछ की जा रही है। अभी तक उसने बताया है कि इस किट को भूटान में किसी को देना था।जयगांव के सहायक पुलिस अधीक्षक गणेश विश्वास ने बताया कि रफीकुल को कोर्ट में पेश करके रिमांड पर लिया जाएगा, ताकि देश की सुरक्षा के साथ हो रहे इस तरह के खिलवाड़ का खुलासा हो सके।
बता दें कि अभी हाल ही में नागपुर से डिफेंस रिसर्च के वैज्ञानिक निशांत अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया था। उत्तर प्रदेश की एटीएस ने सेना रिसर्च संबंधी सूचनाओं के आदान-प्रदान के आरोप में ही अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से मिलिट्री इंटेलीजेंस सक्रिय हुई है। ओडिशा के बालासोर में डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन की एक विंग है। यहां मिसाइल की टेस्टिंग भी होती है। समझा जा रहा है कि यह जो पत्र मिला है, वह ब्रह्मोस या उसकी ही तरह से किसी और ताकतवर मिसाइल की टेस्टिंग रिपोर्ट है। बता दें कि ब्रह्मोस इंटर कॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल है। इसका निर्माण भारत और रूस दोनों मिलकर कर रहे हैं। इसकी ताकत व खूबियों की जानकारी का लीक होना बेहद ही संवेदनशील मामला है। इसका नामकरण भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की नदी मोस्कवा को मिलाकर किया गया है। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल देश की सबसे आधुनिक और दुनिया का सबसे तेज क्रूज मिसाइल है। यह क्रूज मिसाइल पहाड़ों में भी छिपे दुश्मनों को ठिकानों को निशाना बना सकती है। इसे पनडुब्बियों, जहाजों, विमानों या जमीन से भी प्रक्षेपित किया जा सकता है। जो रिपोर्ट लीक हुई है, वह गत वर्ष 27 मार्च की है। जबकि ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का इसके 16 दिन पहले 11 मार्च 2017 की सुबह 11 बजकर 33 मिनट पर चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज में सफल परीक्षण किया गया। 
मध्य कमान लखनऊ की इंटेलीजेंस विंग पूर्वी कमान के साथ है संपर्क में
सेना के मध्य कमान लखनऊ के एक अधिकारी ने बताया कि उनकी इंटेलीजेंस विंग पूर्वी कमान के साथ लगातार संपर्क में है। पकड़े गए तस्कर की हर गतिविधि पर नजर है।
कानपुर से डिफेंस मैटेरियल्स एंड स्टोर्स रिसर्च डिपार्टमेंट के दो वैज्ञानिकों से पूछताछ के बाद हुआ भंडाफोड़
सेना के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डिफेंस मैटेरियल्स एंड स्टोर्स रिसर्च डिपार्टमेंट से सबसे पहले दो लोगों की गतिविधियां संदिग्ध होने के कारण उनसे पूछताछ की गई। इनसे ही मिले इनपुट के आधार पर नागपुर से निशांत अग्रवाल की गिरफ्तारी हुई। नागपुर से ही बीएसएफ के एक सिपाही अच्युतानंद मिश्र को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया गया है। सेना की गोपनीय जानकारियों के लीक होने के मामले का खुुलासा कानपुर के ही वैज्ञानिकों से पूछताछ में हुआ। अभी भी उनकी औपचारिक गिरफ्तारी नहीं की गई है। 
रफीकुल को मेदिनीपुर में मिला था डीआरडीओ का किट
पता चला है कि अभी तक की पूछताछ में रफीकुल इस्लाम ने बताया है कि उसे डीआरडीओ का यह किट मेदिनीपुर में मिला है। इसे भूटान ले जाना था। किट किसने दिया, सेना के अधिकारी उसके बारे में पता करने में जुट गए हैं। 


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