नई दिल्ली, देवशंकर चौधरी। अभिनेत्री से नेता बनी स्मृति ईरानी वर्तमान में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री हैं। स्मृति ईरानी का जन्म दिल्ली में एक पंजाबी परिवार में हुआ है। उनके पिता का नाम अजय कुमार मल्होत्रा हैं, जो अपना व्यवसाय चलाते हैं। स्मृति ईरानी की मां बंगाली परिवार से आती हैं।
स्मृति ईरानी ने टीवी सीरियल 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' में लीड रोल के जरिए अभिनय जीवन की शुरुआत की थी। स्मृति ईरानी ने 2003 में भाजपा का दामन थामा था। उन्हें एक स्पष्ट नेता के तौर पर पहचान मिली है। वह अपनी बेबाक अंदाज के लिए जानी जाती हैं।
स्मृति ईरानी का जीवन परिचय
- स्मृति ईरानी का पूरा नाम स्मृति जुबिन ईरानी हैं।
- स्मृति ईरानी का जन्म 23 मार्च 1976 को हुआ था।
- स्मृति ईरानी का जन्म स्थान राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली है।
- स्मृति ईरानी ने 12वीं तक की पढ़ाई की हैं।
- स्मृति ईरानी के पिता का नाम अजय कुमार मल्होत्रा हैं।
- स्मृति ईरानी की मां का नाम शिबानी बागची हैं।
- स्मृति ईरानी के पति का नाम जुबिन ईरानी हैं।
- स्मृति ईरानी के पति एक व्यवसायी हैं
- स्मृति ईरानी को एक पुत्र और एक पुत्री हैं।
- स्मृति ईरानी हिंदू धर्म से वास्ता रखती हैं।
स्मृति ईरानी का शुरुआती जीवन
स्मृति ईरानी ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शिक्षा ग्रहण की। वह अपनी सुंदरता की वजह से कई प्रतियोगिता में भाग ले चुकी हैं। वह मिस इंडिया प्रतियोगिता की प्रतिभागी भी बनीं। उनका शुरुआती जीवन काफी संघर्षशील रहा है। उन्होंने काफी संघर्षों के बाद मॉडलिंग, अभिनय और राजनीति की दुनिया में प्रसिद्धि हासिल की हैं।
स्मृति ईरानी ने 10वीं की परीक्षा पास करने के बाद से ही काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने समाज की सारी बंदिशें तोड़कर ग्लैमर जगत में कदम रखा। स्मृति ईरानी ने 1998 में मिस इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, लेकिन वह जीत नहीं सकी थी। इसके बाद स्मृति ईरानी ने मायानगरी मुंबई में अपनी किस्मत आजमाई।
अभिनेत्री के रूप में स्मृति ईरानी का सफर
स्मृति ईरानी ने अभिनय के क्षेत्र में मॉडलिंग से अपने जीवन की शुरुआत की। वह वर्ष 1998 में फेमिना मिस इंडिया सौंदर्य प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंची, लेकिन मिस इंडिया नहीं बन पाई थी। स्मृति ईरानी ने वर्ष 2000 में टेलीवीजन सीरियल 'हम है कल आज कल और कल' के साथ अपने करियर की शुरुआत की। हालांकि, उन्होंने 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' सीरियल के जरिए प्रसिद्धि हासिल की, क्योंकि इस सीरियल में वह लीड रोल 'तुलसी' की भूमिका में थी।
स्मृति ईरानी अपने अभिनय कौशल के लिए भारतीय टेलीविजन अकादमी अवार्ड, इंडियन टेली अवार्ड और स्टार परिवार पुरस्कार जीत चुकी हैं। वर्ष 2001 में स्मृति ईरानी ने जीटीवी पर प्रसारित रमायण में सीता की भूमिका निभाई थी। वर्ष 2006 में उन्होंने 'थोड़ी सी जमीन और थोड़ा सा आसमान' टीवी सीरियल में सह निदेशक के रूप में कार्य की थीं। वर्ष 2008 में उन्होंने डांस पर आधारिक टीवी सीरियल 'ये हैं जलवा' को साक्षी तंवर के साथ होस्ट किया था।
स्मृति ईरानी का राजनीतिक जीवन
स्मृति ईरानी ने अपने जीवन की शुरुआत तो एक अभिनेत्री के रूप में की थी, लेकिन किस्मत ने उन्हें नेतानगरी पहुंचा दिया। स्मृति ईरानी ने टीवी सीरियल 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' के जरिए लोगों के बीच काफी प्रसिद्धि पाई। इसके बाद, स्मृति ईरानी 2003 में भाजपा में शामिल हुई।
स्मृति ईरानी को सबसे पहले महाराष्ट्र में भाजपा के यूथ विंग का उपाध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद, वर्ष 2004 में स्मृति ईरानी दिल्ली के चांदनी चौक से कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के खिलाफ चुनाव लड़ी, लेकिन वह हार गई थीं। साल 2014 में वह अमेठी लोकसभा सीट से राहुल गांधी के खिलाफ मैदान में उतरी, लेकिन इसमें भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद वह लोगों के बीच जाती रहीं और 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी के अमेठी सीट से मात दी।
इसके साथ ही स्मृति ईरानी वर्ष 2011 और 2017 में गुजरात से राज्यसभा सदस्य के रूप में चुनी गईं।
मंत्री के रूप में स्मृति ईरानी का सफर
स्मृति ईरानी मई 2014 से जुलाई 2016 तक केंद्रीय मानव संसाधन विकास (अब शिक्षा मंत्रालय) मंत्री के रूप में कार्य कर चुकी हैं। इसके बाद, उन्हें जुलाई 2017 से मई 2018 तक सूचना और प्रसारण मंत्री का जिम्मा मिला। इसके साथ ही उन्होंने जुलाई 2016 से जुलाई 2021 तक कपड़ा मंत्री के रूप में कार्य किया है। वर्तमान में स्मृति ईरानी केंद्रीय कैबिनेट में शामिल हैं। वह केंद्रीय महिला एवं बाल विकास और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री हैं।
स्मृति ईरानी का परिवार
स्मृति ईरानी ने वर्ष 2001 में जुबिन ईरानी पारसी से शादी की। उनके दो बच्चे हैं, जिनका नाम- जोहर ईरानी और ज़ोइश ईरानी हैं। स्मृति ईरानी को 2001 में बेटा हुआ, जिसका नाम 'जौहर' है और सितंबर 2003 में बेटी हुई, जिसका नाम 'जोइश' है।
स्मृति ईरानी के नाम महत्वपूर्ण कार्य व उपलब्धियां
स्मृति ईरानी ने शिक्षा मंत्री के रूप में अनुसंधान, नवाचार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए विभिन्न शैक्षिक सुधारों की शुरुआत की। वह भारत की नई शिक्षा नीति की कल्पना करने में सहायक थीं और भारत के पहले MOOC प्लेटफॉर्म SWAYAM, नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी और GIAN नामक शिक्षाविदों के वैश्विक नेटवर्क सहित कई बड़े पैमाने की परियोजनाओं की शुरुआत की।
स्मृति ईरानी ने छात्रों और शिक्षाविदों के बीच अनुसंधान, नवाचार और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए आईएम-प्रिंट लॉन्च किया। कोविड-19 महामारी के दौरान कपड़ा मंत्री के रूप में, वह वैश्विक लॉकडाउन के बीच तीन महीने की अवधि में भारत को पीपीई का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक बनाने के लिए सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्र की कंपनियों को प्रेरित करने में सफल रहीं।
भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक राष्ट्रीय पहल के हिस्से के रूप में, स्मृति ईरानी ने उन्नत कपड़ा प्रौद्योगिकियों को प्रोत्साहन दिया, जिसमें महत्वपूर्ण तकनीकी वस्त्र क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण एचएसएन कोड अधिसूचित करने का उनका प्रयास शामिल था।
महिला एवं बाल विकास मंत्री के रूप में पिछले तीन वर्षों में, स्मृति ईरानी ने भारत में महिला और बाल संरक्षण सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में काम किया है। उन्होंने महिला अधिकारियों को कानूनी सहायता की सुविधा देकर भारतीय सेना में महिलाओं के लिए स्थायी आयोग का सफलतापूर्वक अनुसरण किया।
स्मृति ईरानी को देश में दिव्यांगों के उत्थान के लिए नीतियों, कार्यक्रमों और कार्यान्वयन उपकरणों को रेखांकित करने वाले देश में किसी भी राजनीतिक दल द्वारा जारी किए गए पहले विजन डॉक्यूमेंट 'सक्षम' को लॉन्च करने का श्रेय दिया जाता है। इंटर पार्लियामेंटरी यूनियन (आईपीयू) की 126वीं सभा में, स्मृति ईरानी को सर्वसम्मति से आईपीयू में युवा सांसदों के लिए पहली समिति की स्थापना के लिए जिम्मेदार टास्क फोर्स में एशिया प्रशांत क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली सदस्य के रूप में चुना गया था।
उसी सभा में, स्मृति ईरानी को सदस्य देशों द्वारा सर्वसम्मति से वित्त और व्यापार सतत विकास पर स्थायी समिति के लिए प्रतिनिधि के रूप में चुना गया था। विश्व आर्थिक मंच ने स्मृति ईरानी को वर्ष 2015 के लिए भारत से युवा वैश्विक नेता के रूप में नामित किया है। उन्होंने भारत में अपने राजनीतिक पदार्पण से पहले WHO-ORS कार्यक्रम के लिए भारत में USAID सद्भावना राजदूत के रूप में भी काम किया है।