नींद की गोली का नियमित सेवन करते हैं तो हो जाएं सावधान, ये है इसके साइड इफेक्ट
नींद की दवाओं के लगातार सेवन से शरीर एवं मन पर बुरा असर पड़ता है जिससे कई भयंकर रोग उत्पन्न होने लगते हैं।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। नियमित रूप से नींद की गोली का सेवन करने वाले लोग सचेत हो जाएं। एक नए अध्ययन में आगाह किया गया है कि बूढ़े लोगों में ब्लड प्रेशर (बीपी) पर इसका असर पड़ सकता है। स्पेन की ऑटोनोमा डी मैड्रिड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, नींद की गोली के नियमित सेवन का संबंध बीपी की दवाओं की संख्या में वृद्धि से पाया गया है।
यह निष्कर्ष उच्च रक्तचाप से पीड़ित 752 बुजुर्गों पर किए गए एक अध्ययन के आधार पर निकाला गया है। पूर्व में किए गए एक अध्ययन में यह आगाह किया जा चुका है कि कुछ खास नींद की गोलियों के नियमित इस्तेमाल से अल्जाइमर रोग का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए जाहिर है कि इसके प्रति सतर्क रहना चाहिए।
स्वाभाविक नींद नहीं
पहली बात तो यह है कि ये दवाएं स्वाभाविक नींद नहीं लाती। इन दवाओं के लगातार सेवन से शरीर एवं मन पर बुरा असर पड़ता है जिससे कई भयंकर रोग उत्पन्न होने लगते हैं। बार-बार उपयोग करने से इनका असर कम होने लगता है। इनकी मात्रा भी बढ़ने लगती है।
दिल का खतरा
नींद की दवाओं के 35 मिलीग्राम के स्टैंडर्ड डोज़ लेने से दिल के दौरे का खतरा 20 प्रतिशत बढ़ जाता है जबकि साल में करीब 60 नींद की दवाएं लेने से यह रिस्क 50 प्रतिशत हो सकता है। नींद की दवाओं में मौजूद तत्व - जोपिडेम को दिल की बीमारियों की वजह बताया है।
गर्भावस्था को नुकसान
किसी विशेष परिस्थिति या अवस्था में जैसे गर्ववती महिलायें यदि डॉक्टर की सलाह के बिना ही इन दवाओं का प्रयोग करती हैं तो उनकी भावी संतान पर प्रभाव पड़ता है तथा अंग-भंग की भी आशंका बनी रहती है।
याददाश्त होती है कमजोर
लंबे समय तक नींद की गोलियां लेने के कारण रक्त नलिकाओं में थक्के बन जाते हैं, याददाश्त कमजोर हो जाती है और बेचैनी की शिकायत आम हो जाती है। नींद की गोलियों का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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